गीला और सूखा कचरे को विस्तारपूर्वक समझाया
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर दूसरे दिन स्वच्छता अभियान के तहत विद्यार्थियों को सूखा और गीला कचरे को अलग-अलग रखने की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। मदरसा मोहम्मदिया जुन्नारदेव में गीला और सूखा कचरा रखने की समझाइश विद्यार्थियों को दी गई ।साथ ही समस्त विद्यार्थियों द्वारा परिसर में स्वच्छता अभियान के तहत कचरा एकत्रित कर डस्टबिन में डाला गया। कार्यक्रम में स्वच्छता अभियान की राखी यादव ने अपने उद्बोधन में सूखा एवं गीला कचरे का उल्लेख करते हुए बताया कि प्लास्टिक कवर बाेतलें, चिप्स टॉफी के रेपर दूध दही के पैकेट और पॉलिथीन पैकेट, गत्ते के बॉक्स, कागज के बर्तन आदि शराब, दूध, लस्सी या किसी तरल के पदार्थ के टैट्रापैक्स,पेपर कप और प्लेट रबर थर्माकॉल, प्रसाधन सामग्रियां और बाल आदि इस तरह का कूड़ा हर घर से निकलता है इस कूड़े काे सूखा कूड़ा कहा जाता है। इस तरह के कूड़े के लिए नीले रंग का कूड़ेदान का उपयोग हाेता है। उद्बोधन की इसी क्रम में राजेश यादव ने गीला कचरे का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि
रसाेई का कचरा जैसे बची हुई सब्जी, फल आदि। बना हुआ खाना बचा हुआ भाेजन, अंडे के छिलके, चिकन अवशेष हड्डियां, सडे फल सब्जियां, गंदा टिशू पेपर, चाय कॉफी के बैग, पत्ते के प्लेट्स, पूजा सामग्री फूल राख आदि सभी गीले कूड़े में आते हैं। इस तरह के कूड़े के लिए हरे का रंग कूड़ेदान हाेता है। इस अवसर पर समस्त स्कूल स्टाफ एवं स्वच्छता अभियान की टीम के राजेश यादव, राखी यादव, आरिफ खान रानी शर्मा मदरसा शिक्षक यासीन अंसारी,रमीज राजा, मौलाना हमजा, हाफिज इमरान शिक्षिका आयशा ,सिद्धिकुन ,यासमीन शिरीन, मदरसा संचालक मोहम्मद ताहिर उपस्थित थे ।

