छिंदवाड़ा जिले के सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य के बैतूल जिले में पशुओं की संक्रामक बीमारी लम्पी स्किन डिसीज के संक्रमित पशु पाये जाने पर कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन के मार्गदर्शन में उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार द्वारा जिले में लम्पी स्किन डिसीज के संक्रमण की रोकथाम के लिये भारत सरकार और राज्य शासन द्वारा जारी एडवायजरी के अंतर्गत विकासखंड स्तर पर नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है । नियुक्त नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों को निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किये जाने का दायित्व सौंपा गया है ।
उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार ने बताया कि विकासखंड स्तर पर विकासखंड अमरवाड़ा में डॉ.दीपिका परतेती को नोडल अधिकारी और श्री सी.के.नंदी को सहायक नोडल अधिकारी, बिछुआ में डॉ.नेहा साहू को नोडल अधिकारी और श्री एन.एल.टेंभरे को सहायक नोडल अधिकारी, चौरई में डॉ.आर.एस.सिंह को नोडल अधिकारी और श्री महेन्द्र कुमार उईके को सहायक नोडल अधिकारी, छिंदवाड़ा में छत्रपाल टांडेकर को नोडल अधिकारी और श्रीमती नीतू ताम्रकार को सहायक नोडल अधिकारी, हर्रई में डॉ.शैलेन्द्र ठाकुर को नोडल अधिकारी और श्री के.एल.चौधरी को सहायक नोडल अधिकारी, जुन्नारदेव में डॉ.योगेश सेमिल को नोडल अधिकारी और श्री जी.एस.नर्रे को सहायक नोडल अधिकारी, मोहखेड़ में डॉ.जितेन्द्र बघेल को नोडल अधिकारी और श्रीमती ज्योति अमित उईके को सहायक नोडल अधिकारी, परासिया में डॉ.उषा क्षत्री को नोडल अधिकारी और श्री आलोक राहंगडाले को सहायक नोडल अधिकारी, पांढुर्णा में डॉ.केतन एस.पांडे को नोडल अधिकारी और श्री पी.के माकड़े को सहायक नोडल अधिकारी, सौंसर में डॉ.के.एस.धुर्वे को नोडल अधिकारी और श्री एम.एल.पराड़कर को सहायक नोडल अधिकारी तथा तामिया में डॉ.प्रियंका मर्सकोले को नोडल अधिकारी और डॉ.पंकज कुर्मी को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है ।
उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार ने बताया कि नियुक्त नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली प्रत्येक ग्राम पंचायत में लम्पी स्किन डिसीज के संबंध में जागरूकता और प्रचार-प्रसार का कार्य करें और ग्राम पंचायत व अन्य जनप्रतिनिधियों से सहयोग प्राप्त कर बीमारी से सुरक्षा व बचाव के उपायों का प्रसार करें। कार्य क्षेत्र के अंतर्गत क्रियाशील गौ-सेवक व मैत्रियों को लम्पी स्किन डिसीज के लक्षण व प्राथमिक उपचार के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुये उनसे सतत् संपर्क बनाये रखें जिससे उनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में यदि लम्पी स्किन डिसीज के लक्षण पाये जाते हैं तो वह आपको तत्काल सूचित करे जिससे बीमारी के संक्रमण को रोका जा सके। लम्पी स्किन डिसीज के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिये अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत पशुओं के आवागमन को नियंत्रित करें। खासकर महाराष्ट्र व बैतूल जिले के सीमावर्ती विकासखण्डों में विशेष रूप से सावधानी बरतें। बीमार पशु व उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति के आवागमन को भी प्रतिबंधित करने के लिये आवश्यक कदम उठायें और बीमारी होने की दशा में संक्रमित ग्राम के 5 कि.मी.की परिधि में रिंग वेक्सीनेशन का कार्य संपादित करायें। संक्रमित ग्राम के आसपास के सभी ग्रामों में सतत् रूप से भ्रमण किया जाकर रोग के संक्रमण को रोकने के लिये आवश्यक कार्यवाही करें और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर संक्रमित ग्राम व आसपास के क्षेत्रों में डिसइन्फेक्शन का कार्य फॉगिंग व चूने के छिड़काव से करवायें। संक्रमित क्षेत्र में पशु बाजार व मेले प्रतिबंधित रखें और संक्रमित क्षेत्र के आसपास के चारागाहों व पीने के पानी के स्थान पर विशेष निगरानी करते हुये चारागाह एवं पानी से संक्रमण नहीं हो इसके लिये आवश्यक कदम उठायें।


