राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री 75 लोक अधिकार केन्द्रों का एक साथ उद्घाटन करके करेंगे अभियान का शुभारंभ छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड विकासखण्ड के लोक/नारी अधिकार केन्द्र सहित प्रदेश के 16 केन्द्रों का भी होगा उद्घाटन
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जेण्डर हिंसा को समाप्त करने के लिए इस वर्ष से एक राष्ट्रीय अभियान शुरु किया जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन अतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर 25 नवम्बर 2022 को राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री द्वारा इस अभियान का शुभारंभ देश के अलग-अलग प्रदेशों में 75 लोक अधिकार केन्द्रों का एक साथ उद्घाटन करके किया जायेगा। मध्यप्रदेश में 16 लोक अधिकार/नारी अधिकार केन्द्रों का उद्घाटन किया जाना प्रस्तावित है जिसमें छिन्दवाडा जिले का मोहखेड विकासखण्ड का केन्द्र सम्मिलित है। यह अभियान 25 नवम्बर से 23 दिसम्बर 2022 तक आयोजित होने वाला लगभग एक महीने का कार्यक्रम होगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत सभी राज्यों व संबंधित विभागों सहित सभी हितधारकों के साथ राज्य से सामुदायिक स्तर पर इस अभियान में होने वाली विभिन्न गतिविधियों को लागू करने की परिकल्पना की गई है। कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा जिले की सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के साथ ही जनपद पंचायत मोहखेड़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिये गये हैं कि जिले के मोहखेड़ विकासखंड के लोक अधिकार केन्द्र के उद्घाटन दिवस पर इस केन्द्र पर आवश्यक व्यवस्थायें और समारोह को पंचायत स्तर तक देखे जाने के संबंध में आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें ।
कलेक्टर श्रीमती पटले ने जिले की सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये है कि ग्राम पंचायतों के स्तर पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के अंतर्गत 25 नवम्बर 2022 को होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में जनभागीदारी के लिये ग्राम सभा का आयोजन किया जाये। जेण्डर आधारित हिंसा पर जागरुकता के लिये विभिन्न मुद्दे जैसे डायन प्रथा, मानव तस्करी आदि पर रैली, कैंडल मार्च आदि आयोजित किये जायें। जेण्डर समानता, जेंडर आधारित हिंसा व पंचायती राज संस्थाओं द्वारा जेंडर आधरित हिंसा की समाप्ति के लिये भूमिका को लेकर जागरुकता अभियान आयोजित किया जाये। जेंडर आधारित हिंसा रोकधाम के लिये सभी मजदूर वर्ग के साथ जागरुकता अभियान किया जाये। अभियान के दौरान और बाद में लैंगिक रणनीति के हिस्से के रूप में डे-एनआरएलएम द्वारा प्रचारित जेण्डर मंचों में भाग लिया जाये । उन्होंने निर्देश दिये हैं कि विकासखंड स्तर पर वेबकास्ट के माध्यम से और सभी लिंग अभियान से संबंधित गतिविधियों में लॉन्च इवेंट में सभी पंचायती राज प्रतिनिधियों/सदस्यों और अधिकारियों को सम्मिलित कराने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये जायें और सभी पंचायती राज कर्मचारियों व पंचायती राज संस्थानों का जेंडर अभियान में उनकी भूमिका को स्पष्ट करने के लिये उन्मुखीकरण का आयोजन किया जाये। पंचायती राज स्टॉफ का कार्य स्थल पर महिला यौन शोषण अधिनियम 2013 (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) के अंतर्गत उन्मुखीकरण किया जाये। पंचायत सदस्यों को जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम में भूमिका निवारण तंत्र का समर्थन और उत्तरजीवी को समर्थन पर उन्मुखीकरण किया जायें। सभी पंचायती राज संस्थाओं को आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित ग्राम पंचायत और विकास खण्ड स्तर के लिंग मंच में भाग लेने के लिए निर्देश जारी किए जाये। पंचायत स्तर तक उचित आई.ई.सी. और बी.सी.सी. सामग्री वितरित की जाये और लिंग अभियान के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के डेटा की संबंधित पोर्टल में प्रविष्टि की जाये। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि ग्राम पंचायत एक स्थानीय शासन होने के नाते यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है कि महिलाओं और बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराधों को कम करके सभी प्रकार के दुर्व्यवहार, हिंसा और शोषण से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करके गाँवो का विकास किया जाये । सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के लिये थीम 9 अर्थात् "गॉवों/महिलाओं के अनुकूल गाँवों का विकास के लिए विषयगत दृष्टिकोण” के माध्यम से इसे भी मजबूत किया जायेगा।


