महिला एवं बाल विकास विभाग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिये की सार्थक पहल
एकीकृत बाल विकास परियोजना मोहखेड़ के अंतर्गत गत दिनों ग्राम भोरतलाई के दंपत्ति की मृत्यु से दो बच्चों के अनाथ होने की खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित होने पर कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में तत्काल संज्ञान लेकर इन अनाथ बच्चों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती कल्पना तिवारी रिछारिया के मार्गदर्शन में दानों बच्चों को आर्थिक लाभ का संरक्षण देने की सार्थक पहल की गई है। दोनों बच्चों को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के अंतर्गत स्पॉन्सरशिप योजना का आर्थिक लाभ प्रदान किया गया है जिससे उनका समुचित पालन-पोषण होगा और उन्हें शिक्षा-दीक्षा प्रदान कर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाया जायेगा तथा वे माता-पिता के बिना किसी अभाव में नहीं रहेंगे।
जिला बाल संरक्षण प्रभाग के बाल संरक्षण अधिकारी श्री चन्द्रशेखर नागेश ने बताया कि इस प्रकरण में त्वरित कार्यवाही करते हुए विभाग की परियोजना पर्यवेक्षक की टीम बच्चों और उनकी संरक्षक वृध्द दादी के घर पहुंचे और उन्हें इस आपात दुख से सांत्वना देते हुए उनकी जानकारी ली जिससे पात्रता के अनुसार दोनों बच्चों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने बताया कि दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के अंतर्गत स्पॉन्सरशिप योजना का आर्थिक लाभ प्रदान करने की कार्यवाही की गई तथा दोनों बच्चों और उनके संरक्षक की समिति द्वारा काउंसलिंग कर उनका मनोबल बढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ऐसे अनाथ बच्चों की सहायता की जाती है जिससे वे किसी पर बोझ न बने और किसी के आगे हाथ न फैलाकर जिला बाल संरक्षण के अंतर्गत संरक्षण और शिक्षा प्राप्त कर भविष्य में सम्मान से आत्मनिर्भर बन सकें, क्योंकि ऐसे बच्चों को किसी की दया और सहानुभूति की नहीं, बल्कि समाज की समानुभूति की जरूरत होती है। इस प्रकार दोनों अनाथ बच्चों को सामाजिक सुरक्षा की कड़ी से जोड़ कर पुनर्वासित किया जा रहा है


