जियो टैग में, हेराफेरी कर निकाली पीएम आवास की राशि
हितग्राही को पता नहीं अन्य के खाते में आई राशि
गठित होगा जांच दल।
जनपद पंचायत परासिया की ग्राम पंचायत जमुनिया पठार में पीएम आवास के मामले में भारी फर्जीवाड़ा होने का मामला सामने आया है।यहां पीएम आवास की राशि हासिल करने के लिए जियो टैग में हेराफेरी कर राशि निकाली जाने की बात सामने आ रही है।
राशि हितग्राही के खाते में न आकर, अन्य व्यक्ति के खाते में, आई है। जिससे बड़ी सांठगांठ होने का मामला दिखाई पड़ रहा है। मामला सामने आने के बाद जनपद सीईओ ने जांच दल गठित करने की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत जमुनिया पठार के एक हितग्राही जंगल सिंह को जनवरी 2020 में पीएम आवास स्वीकृत हुआ था। जिसकी राशि चार किश्तों में आना निर्धारित है। पहली किश्त 25 हजार रुपये की आवास स्वीकृत होने के बाद हितग्राही को दी जाती है।
दूसरी किस्त 45 हजार रुपये की आवास का प्लेन्थ का कार्य पूरा होने पर दी जाती है। तीसरी किस्त, 45 हजार रुपये की जब आवास पर छत डालने की स्थिति आता है तब दी जाती है और आखिरी किस्त 15 हजार रुपये की छत डालने के दौरान दी जाती है । यहां आवास का दूसरा स्तर अभी पूरा भी नहीं हुआ , लेकिन हितग्राही के नाम तीसरी किश्त भी जारी कर दी गई। तीनों किश्त की राशि हितग्राही के खाते में न आकर सरपंच के खाते में डाली गई । हितग्राही द्वारा जब जनसुनवाई में मामला रखा गया तब सरपंच के खाते से पहली किश्त की राशि हितग्राही को दिलवाई गई । अन्य दो किश्तों की राशि भी हितग्राही को दिए जाने की बात कही जा रही है।
नियमानुसार हर किस्त जारी होने से पहले निर्मित मकान का जियो टैग किया जाता है। जिसमें, मकान की फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड की जाती है।
तब निर्धारित स्तर की जांच कर राशि दी जाती है। सवाल यह खड़ा हो रहा है। कि, आवास अभी इस स्थिति पर नहीं पहुंचा की दूसरी और तीसरी किस्त जारी की जाए लेकिन, यहां ऐसा हुआ है।
मकान का पहला स्तर ही पूर्ण हुआ है।जबकि, किस्त तीन स्तरों की दी जा चुकी है।
सूत्रों का कहना है। कि, इसमें जियो टैग मैं हेराफेरी कर राशि निकाली गई है। इस मामले में कई तरह की अनियमितताएं बरती गई है। पहली अनियमितता यह है। कि, आवास के लिए हितग्राही का खाता पोर्टल में ना फीड किया जाकर सरपंच का खाता फीड किया गया।
दूसरी अनियमितता इसमें जियो टैग के दौरान वास्तविक आवास की फोटो ना देकर किसी अन्य मकान की फोटो दी गई है। तभी दूसरी और तीसरी किस्त भी जारी कर दी गई। अब हितग्राही को राशि लौटाने की बात की जा रही है।
हितग्राही का खाता नहीं होने के चलते फीड किया गया अन्य का खाता :- पीएम आवास मामलों के समन्वयक अधिकारी दिनेश मालवीय ने बताया कि, हितग्राही का खाता नहीं होने के चलते अन्य व्यक्ति का खाता फीड किया गया होगा। उन्होंने यह भी बताया , कि जिसके खाते में राशि आई है उस व्यक्ति के द्वारा हितग्राही को सभी किश्त लौटा दी गई है।
पूरी पंचायत की होगी जांच :- जनपद सीईओ रविकांत ऊके ने इस मामले को बड़ा गंभीर बताते हुए एक जांच दल गठित करने की बात कही उन्होंने कहा कि, इस मामले की जांच के साथ-साथ पंचायत में बनने वाले सभी पीएम आवास की बारीकी से जांच कराई जाएगी।
इस मामले में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी ताकि, अन्य पंचायतों में ऐसी गड़बड़ी करने की कोई हिमाकत ना कर सके।

