पंजीयन कार्यालय व सर्विस प्रोवाइडर्स हाल से संबंधित शिकायत औचक निरीक्षण में पाई गई निराधार
कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में जिला पंजीयक छिंदवाड़ा द्वारा पंजीयन विभाग में खुली लूट व सर्विस प्रोवाइडरों की कमीशनबाजी एवं रजिस्ट्री के नाम पर मनमानी वसूली की शिकायत के संबंध में आज छिन्दवाड़ा स्थित मुख्यालय पर स्थित उप पंजीयक कार्यालय छिन्दवाड़ा एवं सर्विस प्रोवाइडर्स हाल में जाकर औचक निरीक्षण किया गया । औचक निरीक्षण में किसी प्रकार का आर्थिक भ्रष्टाचार देखने व सुनने में नहीं आया तथा प्राप्त शिकायत निराधार पाई गई ।
जिला पंजीयक छिंदवाड़ा ने बताया कि औचक निरीक्षण के दौरान मुख्यालय उप पंजीयक कार्यालय और सर्विस प्रोवाईडर हाल छिन्दवाड़ा में उपस्थित पक्षकारों से रजिस्ट्री शुल्क के अतिरिक्त किसी प्रकार की अवैध वसूली के संबंध में जानकारी लेने पर किसी भी उपस्थित पक्षकार द्वारा अतिरिक्त राशि लिये जाने की शिकायत नहीं की गई । सर्विस प्रोवाइडर्स के टेबिल निरीक्षण के दौरान कार्यरत सभी सर्विस प्रोवाइडर्स के पास दस्तावेज लेखन शुल्क का ए-4 साईज में दस्तावेज लेखन शुल्क का परिशिष्ट उपलब्ध पाया गया। उन्होंने बताया कि सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को प्रतिदिन अपने कार्यस्थल पर ही सहज दृश्य स्थान पर दस्तावेज लेखन शुल्क का बोर्ड लगाने और पक्षकारों से दस्तावेज प्रारूप लेखन के लिये सद्भावना पूर्ण दशा में निर्धारित शुल्क लिये जाने के निर्देश दिये गये । इसी प्रकार उप पंजीयक कार्यालय छिन्दवाड़ा के प्रवेश द्वार में सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा पक्षकारों से दस्तावेज प्रारूप लेखन के लिये निर्धारित शुल्क की सूचना ए-4 साईज में चस्पा पाई गई। इस संबंध में उप पंजीयक को यह सूचना कागज के स्थान पर फ्लेक्स पर लगाने के निर्देश दिये गये । साथ ही पंजीयन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देश दिये गये कि यदि वे अवैध वसूली कार्य में किसी प्रकार से संलिप्त पाये जायेगे तो उनके विरूध्द तत्काल म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधानों के अनुसार कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। इसी प्रकार म.प्र.स्टाम्प रूल्स 1942 के अंतर्गत दोषी पाये जाने पर संबंधित सर्विस प्रोवाइडर्स का लायसेंस भी निरस्त किया जा सकेगा ।

