जिले में दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट का असर रबी फसलों पर पाले के रूप में हो सकता है, इसलिये पाले से बचाव के लिये कृषकों को समझाइश दी गई है कि रात्रि के समय खेत के चारों ओर की मेढ़ों पर विशेषकर उत्तर पश्चिम दिशा की मेढ़ों पर कचरा या खरपतवार या कंडे आदि जलाकर धुंआ करें जिससे धुंये की परत फसलों के ऊपर आच्छादित हो जाये। इससे खेत का तापमान संतुलित बना रहेगा और फसलों पर पाले का विपरीत असर नहीं पड़ेगा।
उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार हल्की जमीन में पाला पड़ने का जोखिम अधिक होता है, इसलिये रबी फसलों में उपलब्धता के आधार पर सिंचाई करें। उन्होंने बताया कि फसलों में खरपतवार नियंत्रण करना भी आवश्यक है, क्योंकि फसलों में ऊगने वाले अनावश्यक पौधे (खरपतवार) सूर्य की ऊष्मा को भूमि की सतह तक पहुँचने में अवरोध उत्पन्न करते है। इस प्रकार तापमान में कमी से पाले से होने वाले विपरीत असर को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।


