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केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-एक के प्राचार्य श्री हरि प्रसाद धारकर ने बताया कि कार्यशाला में मुख्य अतिथि एवं पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने कला, संस्कृति और विरासत के बीज बोने के लिए इस कार्यशाला की मुक्त कंठ से सराहना की। कार्यशाला में विद्यालय के प्राचार्य श्री धारकर ने कत्थक को परंपरा और विरासत का अमूल्य हिस्सा बताते हुए इसे जीवन विन्यास की कला के रूप में निरुपित किया । उन्होंने बताया कि कार्यशालायें केन्द्रीय विद्यालय संगठन के निर्देश और मार्गदर्शन में राउट्स टू रूट्स के अंतर्गत आयोजित की जा रही हैं । कार्यशाला योजना, संचालन और प्रशिक्षण का दायित्व जबलपुर की कत्थक कलाकार सुश्री आर्या सेन द्वारा श्री नितिन कुमार और श्री मनीष कुमार के सहयोग से संपन्न किया गया जिन्होंने फाग नृत्य की आभा में राधा-कृष्ण की छवि को माधुर्य और सौन्दर्य का नियामक नियंता निरुपित करते हुए विद्यार्थियों को प्रदर्शनकारी कलाओं में कत्थक की समझ विकसित करने में मदद की । कार्यक्रम का संचालन संस्कृत शिक्षिका श्रीमती निशा यादव ने कक्षा दसवीं के अपने विद्यार्थियों कु.तन्वी धारकर व कु.सिद्दिदा दुबे के सहयोग से संपन्न किया ।


