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जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने बताया कि बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री पांडे द्वारा निरीक्षण के दौरान सबसे पहले आंगनवाड़ी केन्द्र में आये बच्चों से बात की और उन्हें बताया कि बच्चे किस तरह साफ-सफाई में रहकर स्वस्थ रह सकते हैं । उन्होंने छोटे-छोटे बच्चों से बात कर उन्हें बड़े प्यार से समझाया कि वे किस तरह से उचित भोजन प्राप्त कर स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने तीनों आंगनबाड़ियों में छोटे बच्चों का अपने समक्ष वजन लिया। इलेक्ट्रॉनिक मशीन व लटकाने वाली घड़ी मशीन दोनों से वजन लेकर उनमें आ रहे अंतर के बारे में समझाया कि किस तरह हम इसको दूर कर सकते हैं । उन्होंने तीनों आंगनबाड़ियों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बात की और आंगनबाड़ी में संधारित पंजियों का निरीक्षण किया । साथ ही इन पंजीयों का किस तरह से संधारण किया जाना है, के बारे में बताया और महिला एवं बाल विकास विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर संपर्क एप के माध्यम से भी जानकारी ली। उन्होंने आंगनबाड़ियों के किचिन गार्डन, स्टोर रूम, उदिता कॉर्नर और अन्य जानकारी भी ली और आंगनबाड़ियों में उपस्थित धात्री व गर्भवती महिलाओं से बात कर उन्हें बताया कि टीएचआर कब-कब किन-किन को मिलता है, के बारे में बात की। उन्होंने पोषण आहार की चर्चा करते हुये गर्भवती महिलाओं को क्या-क्या खाना चाहिये, इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने आंगनबाड़ी में स्व-सहायता समूह द्वारा दिये जाने वाले भोजन का निरीक्षण किया और मीनू के अनुसार भोजन दिये जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये


