मेघनाथ की होती है पूजा, जमकर चढ़ाई जाती है पशु की बलि
सच की आंखें न्यूज़ जुन्नारदेव ----- जुन्नारदेव विकासखंड़ के ग्राम पंचायत बुर्रीकला से 3 किमी दूरी स्थित रैनीधाम मेले में होली के दूसरे दिन से लगने वाले प्रसिद्ध रैनी धाम मेले की शुरुआत हो चुकी है। 7 दिनों तक चलने वाले इस सुप्रसिद्ध मेले में बड़ी संख्या में जुन्नारदेव विधानसभा के अतिरिक्त जिले और प्रदेश से भी लोग बड़ी संख्या में पूजन अर्चन के लिए पहुंचते हैं। सैकड़ो बरसों से लगने वाले इस मेले में आदिवासी श्रद्धालुओं के अतिरिक्त अन्य श्रद्धालु भी मन्नतें मांगने और पूजन अर्चन करने पहुंचते हैं। रैनी धाम में खंडेरा महाराज और रावण के बाहुबली पुत्र मेघनाथ की पूजा अर्चना की जाती है ऐसा माना जाता है कि इस स्थल पर आकर पूजन अर्चन कर मन्नत मांगने से मन्नते पूरी होती है इसके पश्चात मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु 7 दिनों तक आयोजित मेले में पहुंचकर खंडेरा महाराज और मेघनाथ की पूजा अर्चना करते हैं।
मेले को नहीं है प्रशासनिक मान्यता फिर भी व्यवस्था में लगा रहता है प्रशासन ----- सैकड़ो वर्षों से लगने वाले इस मेले को प्रशासनिक मान्यता नहीं मिली है इसके बावजूद समूचा प्रशासन मेला स्थल पर व्यवस्थाएं बनाते दिखाई देता है ग्राम पंचायत भी मेला स्थल पर सुविधाएं प्रदान करती नजर आती है वहीं मेले में सुविधाओं का भी टोटा स्पष्ट नजर आता है जहां पर मेला स्थल तक पहुंचने वाली सड़क धूल मिट्टी से रंगी हुई होती है जहां से मेला स्थल तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसके अतिरिक्त मेला स्थल पर अघोशित पार्किंग भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती है।
मेला स्थल पर ऊंचे ऊंचे पहाड़ और नाग देवता की प्रतिमा है आकर्षण का केंद्र ----- रैनी धाम के इस सुप्रसिद्ध मेले में ऊंची ऊंची चट्टानों पर लोग सेल्फी लेकर और फोटो खींच कर अपने आप को सोशल मीडिया में दिखाने से नहीं चूकते हैं वही नाग देवता की बड़ी प्रतिमा इस स्थल पर विशेष आकर्षण का केंद्र है साथ ही चट्टानों के बीच में बनी गुफा भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है प्रतिवर्ष 7 दिनों तक चलने वाले इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजन अर्चन करने पहुंचते हैं जिसे दूर वर्तमान में जारी है साथ ही मेले में पशु बलि भी जमकर चढ़ाई जाती है जहां पर मुख जानवरों को आस्था के नाम पर बलि देकर मन्नते पूरी करने की बात कही जाती है।

