ठोकरे खाने के बाद ही विनम्रता व्यक्ति के अंदर आती है - डॉ. अजवानी
जुन्नारदेव ----- जीवन में उतार चढ़ाव आते है, जीवन को हमेशा मुस्कुराते हुये जीना चाहिए। ठोकरे खाने के बाद ही विनम्रता व्यक्ति के अंदर आती है उक्ताशय के उद्गार डॉ. पी. अजवानी द्वारा अपने विदाई समारोह के दौरान व्यक्त किये गये। उन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान कहां कि जो जितना झुकेगा उतना ही उठेगा। जगजीत सिंह की गजल तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जिसकों छुपा रहे हो, आंखों में नमी हसीं लबों पर, क्या बात है और क्या दिखा रहे हो के माध्यम से अपने विचार भी व्यक्त किये।
इसके पूर्व समारोह के दौरान महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य डॉ. ए.के. ताण्डेकर, डॉ. संगीता वाशिंगटन, प्रो. आर.डी. वाडिवा, प्रो. आर.के. चन्देल, डॉ. एस.के. शेण्डे सहित महाविद्यालय स्टॉफ ने पुष्पमाला, तिलक लगाकर, शॉल श्रीफल भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. वाशिंगटन द्वारा अभिनन्दन पत्र पढ़ा गया, जिसमें शासकीय सेवाकाल के दौरान उनकी उपलब्धियों का यशोगान किया गया। समारोह के दौरान प्रभारी प्राचार्य डॉ. टाण्डेकर ने कहां कि लगभग 26 वर्षो से हम वाणिज्य विभाग में साथ-साथ सेवाएं दे रहे है। एक बड़े भाई की तरह अपना स्नेह हम पर बनाते हुये हमारा मार्गदर्शन अजवानी जी द्वारा किया गया।
र्निविवाद रहे डॉ. अजवानी ----- अपने अपने अनुभव को सांझा करते हुये डॉ. संगीता वाशिंगटन, प्रो. आर.डी. वाडिवा, प्रो. आर.के. चन्देल, डॉ. एस.के. शेण्डे, प्रो. मनोज मालवीय, डॉ. सागर भनोत्रा, प्रो. जागृति उईके, नीरज पाल, डॉ. रीना मेश्राम, प्रो. प्रवीण बोबड़े, प्रो. मो. आबिद, डॉ. डॉली बरहैया ने उन्हें हंसमुख, मिलनसार बताते हुये उनकी जमकर सराहना की। उन्हें महाविद्यालय में 39 वर्षो तक सेवा देने वाले एकमात्र र्निविवादित व्यक्ति बताया। अपने शासकीय सेवाकाल में उनकी मिलनसारिता ने हर किसी के दिल में खास जगह बनाई।
एक आदर्श शिक्षक के साथ-साथ, अच्छे खिलाड़ी और प्रेरक है डॉ. अजवानी --- प्रो. मालवीय ने डॉ. अजवानी को एक आदर्श शिक्षक के साथ-साथ एक अच्छे खिलाड़ी और प्रेरक के रूप में निरूपित किया। वे वॉलीबाल के राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना चुके है साथ ही उनकी प्रेरणा से आज अनेकों शिष्य देश ही नहीं वरन् विदेश में भी अपना और उनका नाम रौशन कर रहे है। उनकी प्रेरणा प्राप्त कर आज भी अनेकों खिलाड़ी अपने आप को बड़े मंचों पर स्थापित कर रहे है। वर्तमान में सेवानिवृत्ति के पूर्व ही डॉ. अजवानी द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुये आनंद फाउण्डेशन की स्थापना गरीब दीन दुखियांे की सहायता के साथ-साथ प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए की गई है। कार्यक्रम के दौरान आभार प्रदर्शन प्रो. आर.डी. वाडिवा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय स्टॉफ से डॉ. गुन्जा माहोरे, डॉ. कविता मुकाती, डॉ. कैलाश गाकरे, नारद सिंह यादव, राजेश माथनकर, डॉ. निलेश वासनिक, नीलू कहार, लक्ष्मीप्रसाद नागवंशी, प्रियंका साहू, राजेन्द्र प्रसाद ग्यास, विजय मालवीय, चन्द्रशेखर कहार, बाबूलाल कहार, मानता सल्लाम, गुरूदत्त नामदेव, राधेश्याम बन्देवार, रविशंकर इवनाती, नितिन बिन्नतकर सहित महाविद्यालय स्टॉफ और एन.सी.सी. के कैडेट उपस्थित थे।

