जिले के जनपद अंतर्गत पंचायतों में शपथ लेने के 18 दिन बाद भी नहीं मिला नए सरपंचों को अधिकार नए सरपंच सचिवों के नहीं खुले खाते,
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विकास कार्य को लेकर नहीं मिली शक्तियां
पंचायत चुनाव के एक माह बाद भी नए सरपंच सचिवों को विकास की शक्तियां नहीं मिल सकी हैं। शपथ के 18 दिन बाद भी बैंकों में सरपंच-सचिवों के संयुक्त खाते तक नहीं खुल सके हैं। इतना ही नहीं शासन स्तर पर संचालित पंचायत दर्पण पोर्टल पर अभी भी पुराने सरपंच व सचिवों के नाम दर्ज स हैं। कुछ पंचायतों में पोर्टल पर ह मोबाइल नंबर अपडेट कर दिए, स लेकिन पुराने सरपंचों व सचिवों के ब नाम प्रदर्शित हो रहे हैं।
जिले के जनपद अंतर्गत पंचायतों में सरपंच शपथ लेकर पंचायतों के विकास के लिए खाता खुलने का इंतजार कर रहे हैं। सचिवों ने नए सरपंचों के हस्ताक्षर सत्यापन के लिए जनपद पंचायत में भेज दिए हैं। पंचायत एवं ग्रामीण ज विकास विभाग के अधिकारियों की शिथिलता के चलते अभी तक नये सरपंचों के हस्ताक्षर सत्यापित नहीं हो सके हैं। प्रक्रिया पूरी नहीं होने से खाते तक नहीं खोले जा सके हैं। बताया गया कि जनपद स्तर पर दस्तावेज का सत्यापन के बाद बैंक स्तर पर प्रक्रिया लटकी हुई है।जबकि विकासखंड के विभिन्न बैंकों में पंचायतों के खाते में करोड़ों रुपए से अधिक की राशि जमा है। कुछ पंचायतों में औसत 15 से 20 लाख रुपए हैं। पंचायतों की तरह जनपद पंचायत के खाते में भी विकास के करोड़ों रुपए विकास पर खर्च के लिए रखे हैं।
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