![]() |
दमुआ:- मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम अंतर्गत संचालित बीएसडब्ल्यू कोर्स के तहत प्रायोगिक कार्य अंतर्गत आज दिनाँक 08/09/2022 को ग्राम पिपरिया नांदना में विकासखंड समन्वयक संजय बामने के मार्गदर्शन में विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया । तथा 15 तेंदू गुड़हल सहज अन्य छायादार पौधे लगाए गए जिसमे( बी एस डबलू,)के छात्र छात्राए मुकेश बेलवंशी गौतम बेलवंशी अमन आरसिया रामरतन बेलवंशी सुखवती बेलवंशी के द्वारा लोगो के बीच जाकर साक्षरता के बारे मैं बताया गया। पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर 1966 को मनाया गया था। साक्षरता शब्द साक्षर से लाया गया जिसका अर्थ होता है पढ़ने और लिखने में सक्षम विश्व के सभी देशों में समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई। राष्ट्र और मानव विकास के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए उनके अधिकारों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। इसी ज्ञान के लिए शिक्षा दी जाती है। लोगों को शिक्षा की ओर प्रेरित करने के लिए लक्ष्य के तहत साक्षरता दिवस मनाया जाता है। भारत की साक्षरता दर विश्व साक्षरता दर से 84 फीसदी कम है। साल 2011 की गणना में भारत की कुल साक्षरता 74.4 %है 1947 में देश की साक्षरता मात्र 18 % थी। वही देश में सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है। जहा 93% जनसंख्या साक्षर है। इसमें पुरुष साक्षरता 96 %और महिलाओं की साक्षरता दर92% है सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार है।विकास खंड समन्वयक संजय भाई द्वारा बताया गया है कि शिक्षा का अधिकार सभी को है तथा हमारा देश प्रदेश गांव साक्षर बने और शिक्षा का अलग जलाएं को जगाने के लिए हमें निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है


