हर्रई विकासखण्ड के 30 से अधिक स्कूल के भवन जर्जर,अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
हर्रई विकासखण्ड में शिक्षा व्यवस्था और स्कूल की इमारतें पूरी तरह से बदहाली का शिकार हो चुकी हैं, मासूम बच्चों की जिंदगी पर मौत का संकट मंडरा रहा है। लेकिन, शिक्षा विभाग के अफसरों पर इस ओर कोई ध्यान नहीं है। हर्रई विकासखण्ड के नांदना सरकारी स्कूल में शिक्षा के नाम पर मासूमों को मौत के मुंह में धकेलने का काम चल रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग नींद की आगोश में है। यहां बने कमरों की छत और दीवारें पूरी तरह से जर्जर है, भवन कि छत और दीवारों में जगह-जगह दरारें नजर आ रही हैं। भवन कब गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। उसके बाद भी जर्जर भवन की कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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इनका कहना है-
मेरे द्वारा 3 बार प्रस्ताव बना कर बीआरसी ओर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है लेकिन अभी तक जर्जर भवन का कोई सुधार कार्य नही कराया गया है।
शनभान सल्लाम प्रधान पाठक
सरकार बच्चो की शिक्षा के लिए अनेको सरकारी योजना चला रही है लेकिन हमारे गाँव मे 4 साल से स्कूल का भवन जर्जर है कोई सुधार कार्य नही किया जा रहा है। जर्जर भवन में हमारे बच्चे पढ़ने को मजबूर है जिससे क्षतिग्रस्त भवन में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
छोटे लाल उइके पालक




