आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में रोष
स्वास्थ्य विभाग को आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए मजबूर करने पर होगी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित
कलेक्टर के तुगलकी फरमान से लड़खड़ा जाएगी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं
ऑनलाइन आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पहले से ही ऑनलाइन सेंटरों में प्रदान की गई है सुविधाएं
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सहायकों को जिम्मेदारी और मेहनताना देकर कार्य कराए जाने के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधिकारियों पर टिकी हुई है शासन की निगाहें
रोजाना सैकड़ों मरीजों का इलाज उपरांत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को घर-घर घूमने पर होना पड़ेगा मजबूर
सैकड़ों मरीज बिना इलाज के ही लौटने पर होंगे मजबूर
आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों (सीएचओ) के कंधे पर जिम्मेदारी सौंपने की हो रही तैयारी
मनेश साहू संपादक 9407073701
छिंदवाड़ा ---- वर्तमान में शासन प्रशासन अपने तुगलकी फरमान को लेकर लगातार सुर्खियों में है वही वर्तमान में आयुष्मान कार्ड को लेकर छिंदवाड़ा कलेक्टर द्वारा एक तुगलकी फरमान जारी किया गया है जिसमें स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अधिकारियों को आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी सपने संबंधी निर्देश जारी कर दिए गए हैं छिंदवाड़ा जिले में आयुष्मान कार्ड बनाने में पिछड़ रहे शासन प्रशासन के द्वारा छिंदवाड़ा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत अधिकारियों (सीएचओ) के कंधों पर जिम्मेदारियां सौंपने की तैयारी करने का विरोध शुरू हो गया है आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा पहले से ही ऑनलाइन सेंटरों में सुविधाएं प्रदान की गई है और इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सहायकों को इसकी जिम्मेदारी और मेहनताना देकर कार्य करवाएं जाने लगे हैं इसके बाद अब सरकार की नजर ग्रामीण क्षेत्रों में खुले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधिकारियों के ऊपर टिकी हुई है जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना सैकड़ों मरीजों का इलाज किया जाता है ऐसे में अगर उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर घुमाया जाएगा तो वह स्वास्थ्य विभाग का कार्य को नहीं कर पाएंगे और सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज के ही स्वास्थ्य केंद्रों से लौटना पड़ेगा
छिंदवाड़ा कलेक्टर के तुगलकी फरमान से लड़खड़ा जाएगी स्वास्थ्य सेवाएं ----- स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अधिकारियों (सीएचओ) से यदि आयुष्मान कार्ड बनाए जाने जैसे कार्य के लिए जाने लगे तो निश्चित ही स्वास्थ्य सेवाएं बड़े स्तर पर प्रभावित होगी और ग्रामीण अंचलों में यह पूरी तरह लड़खड़ा जाएगी या कहे तो बड़ी संख्या में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने वाला 1 वर्ग प्रभावित होगा यदि किसी की जान पर बन आती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा बिना सोचे समझे छिंदवाड़ा कलेक्टर द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर दिए जाने के बाद अब ग्रामीण अंचल के स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अधिकारियों (सीएचओ) मैं बुरी तरह से आक्रोश देखा जा रहा है
तुगलकी फरमान वापस लेने की उठी मांग ----- सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जहां एक और ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने वाले सेंटरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सहायकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है वहीं अब स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अधिकारियों (सीएचओ) को यदि इस कार्य में संलिप्त कर दिया जाता है तो निश्चित ही ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाने लगेगी ऐसे में अब सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं यदि समय पर सरकार अपने इस तुगलकी आदेश को वापस नहीं लेती है तो स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने वाले अधिकारी खुले मैदान पर इसका विरोध करने का मन बना रहे हैं




