विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक संपन्न
![]() |
नवागत कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा आज कलेक्टर कार्यालय के मिनी संवाद कक्ष में विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और विभागों के प्रस्तुतिकरण को देखकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये । बैठक में कलेक्टर श्रीमती पटले द्वारा प्रथम चरण में लोक निर्माण, परियोजना क्रियान्वयन ईकाई (लोक निर्माण), जल संसाधन, पेंच परियोजना, पेंच केनाल परियोजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम, ग्रामीण यांत्रिकी सेवायें और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण तथा व्दितीय चरण में कृषि, कृषि अभियांत्रिकी, उद्यानिकी, पशु चिकित्सा, मत्स्य, केन्द्रीय सहकारी बैंक, सहकारिता, उद्योग, अग्रणी बैंक योजना, दुग्ध विकास और श्रम विभाग की योजनाओं की प्रगति और नवाचारों की जानकारी प्राप्त की गई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हरेन्द्र नारायण और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
नवागत कलेक्टर श्रीमती पटले ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के अधिकारी अनुभवी और अच्छे हैं एवं बेहतर कार्य क्षमता के साथ अपने कार्यों का तत्परता से निर्वहन करते हैं । उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रदेश में जिन योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रथम स्थान पर हैं, उसे बनाये रखें और यह प्रयास करें कि छिंदवाड़ा जिला प्रदेश में टॉप-10 में बना रहे । उन्होंने सभी विभाग प्रमुख अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपनी विभागीय योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शेष लक्ष्य की पूर्ति के लिये आगामी 4 माहों के लिये माहवार लक्ष्य निर्धारित कर निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य पूर्ति करें । उन्होंने निर्देश दिये कि निर्माण कार्यो को गुणवत्तापूर्ण ढंग से किये जाने के लिये निरंतर मॉनिटरिंग करें और समय पर पूर्ण करायें । उन्होंने पेंच परियोजना के क्षेत्र में निर्मित की जाने वाली सड़क के लिये जल संसाधन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को संयुक्त भ्रमण कर ग्रामवासियों की सुविधा के अनुसार सड़क निर्माण का कार्य प्रस्तावित करने के निर्देश दिये । उन्होंने किसानों को सिंचाई के लिये नहरों से पानी छोडने के पूर्व नहरों की साफ-सफाई और मरम्मत कराने और जिन ग्रामों में पानी उपलब्ध कराया जायेगा, उसकी ग्रामवार सूची उपलब्ध कराने के साथ ही किन क्षेत्रों से किसानों की क्या शिकायतें आती हैं व शिकायतों के निराकरण की क्या कार्ययोजना है, के संबंध में भी जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये । उन्होंने एन.एच.ए.आई.के अधिकारी को निर्देश दिये कि चौरई से थावरीटेका मार्ग और गहरानाला पुल के पास प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क से जुड़ने वाले मार्ग का सुधार कार्य एक सप्ताह में पूर्ण करायें और राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों की मरम्मत व मेंटनेंस का कार्य भी प्राथमिकता से करायें । उन्होंने म.प्र.हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी को निर्देश दिये कि नगरपालिक निगम के अधिकारी के साथ बैठकर नगर में आवासीय मकानों के निर्माण संबंधी 5 वर्षीय कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करें ।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती पटले ने कृषि और कृषि अभियांत्रिकी विभागों के प्रेजेंटेशन के दौरान निर्देश दिये कि नरवाई प्रबंधन के लिये किसानों को उन्नत ई-कृषि यंत्रों सुपरसीडर, रीपर कम्बाईंडर आदि यंत्रों के उपयोग के लिये जागरूक करें । इसके लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत में ई-कृषि यंत्रों को ले जाकर इनका प्रदर्शन करें जिससे ग्राम के अधिक से अधिक किसान जागरूक हो सकें । उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि नवाचार करते हुये नगरपालिक निगम और अन्य नगरीय निकायों के अधिकारियों के साथ समन्वय कर नगरीय क्षेत्रों में वर्टिकल गार्डन, हाईड्रो गार्डन आदि अर्बन हार्टिकल्चर सिस्टम विकसित करें और इस संबंध में कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करें । उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत जिले के शत-प्रतिशत तालाबों में मत्स्य पालन किया जाना और सभी मछुआ कृषकों के के.सी.सी.कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें । उन्होंने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक को निर्देश दिये कि बैंक के एटीएम की संख्या बढ़ायें और ऋण वसूली के लिये हितग्राहियों से छोटी-छोटी राशि भी जमा के रूप में स्वीकार करें । उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारी को निर्देश दिये कि औद्योगिक क्षेत्र लहगड़ुआ में उपलब्ध भू-खण्डों के शत-प्रतिशत आवंटन के लिये उद्यमियों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार करें । इसके लिये उद्योग यूनिट चिन्हित करें और कार्य योजना बनाकर औद्योगिक क्षेत्र को तीव्र गति से विकसित करने का कार्य करें । उन्होंने स्व-रोजगार योजनाओं के अंतर्गत भी हितग्राहियों को लक्ष्य के अनुसार लाभान्वित करने के निर्देश दिये । उन्होंने शासकीय दुग्ध योजना के अधिकारी को निर्देश दिये कि दुग्ध संग्रहण क्षमता बढ़ाने और विक्रय की कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें तथा स्वतंत्र रूप से दूध बेचने वाले पशु पालकों की दुग्ध सहकारी समितियां बनाकर उन्हें आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की दिशा में कार्य करें ।


