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म.प्र.जल निगम की परियोजना क्रियान्वदयन इकाई सिवनी के महाप्रबंधक श्री पवार ने बताया कि अटल इंस्टीट्यूट आफ गुड गवर्नेंस भोपाल के अधिकारी श्री अग्रवाल द्वारा मोहखेड ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना के निरीक्षण के दौरान सर्विस लेवल बेंचमार्क के अनुसार वाटर सप्लाई, शत-प्रतिशत जलकर संग्रहण और कम्युनिटी के साथ इंवॉल्वमेंट के कार्यो को देखा गया । उन्होंने ग्राम इकलबिहरी में ग्राम जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति के सदस्यों के साथ बैठक की और उनसे शुध्द एवं गुणवत्तापूर्ण पानी मिलने से आये बदलाव के संबंध में जानकारी प्राप्त की । उन्होंने समिति की कार्य प्रणाली, जल कर संग्रहण प्रकिया और रिकॉर्ड संधारण की वस्तुस्थिति को समिति के सदस्यों से विस्तारपूर्वक समझा । साथ ही ग्राम की समिति द्वारा खुद के प्रयासों से समिति का कार्यालय खोलने और समिति द्वारा गांव के गांव में ही पूर्ण रूप से जल सप्लाई के प्रबंधन को भी जाना । उन्होंने दूसरे चरण में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन किया और ग्राम महलपुर और ग्राम मऊ के महिला स्व-सहायता समूह की दीदियों के साथ संवाद किया एवं समूह की महिलाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी प्राप्त की । उन्होंने पानी की टेस्टिंग करवाकर देखा और इस योजना के क्रियान्वयन से समूह की महिलायें किस तरह लाभान्वित हुई हैं और उनके जीवन में आये सकरात्मक परिवर्तन के संबंध में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की ।
म.प्र.जल निगम की परियोजना क्रियान्वतयन इकाई सिवनी के प्रबंधक श्री बेलवंशी ने बताया कि मोहखेड ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत उचित इंजीनियरिंग, तकनीकी प्रबंधन और सोशल इंजीनियरिंग के प्रयोग से सफलतापूर्वक सभी उपभोक्ताओं को पर्याप्त दबाव से मानक गुणवत्ता का पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा हैं और प्रत्येक ग्रामवासी जल प्रदाय सेवाओं से संतुष्ट है जिसके कारण सभी जल उपभोक्ताओं द्वारा शत-प्रतिशत जल कर का भुगतान भी शासन को किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस ग्राम में शुध्द व गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलबध कराने के लिये किये गये नवाचार की मुख्यन विशेषताओं में कई बिंदु शामिल हैं । नवाचार के अंतर्गत गॉंव को न्यूयनतम 4 जोन में बॉंटकर निर्धारित समय पर जल प्रदाय किया जा रहा है और पेयजल टंकी भरने पर सबसे पहले दूरस्थ ग्राम व ग्राम के भी सबसे आखिरी क्षेत्र के बाद समीपस्थ ग्राम में जल प्रदाय किया जा रहा है । एक टंकी से जुडे 2 से 3 ग्रामों में जल प्रदाय के लिये एक बाल्विमेन की नियुक्ति कर समान मात्रा में जल प्रदाय के लिये उसे प्रशिक्षण देकर 8700 रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है । ग्राम जल एवं स्विच्छ ता समिति में जागरूक व्यनक्तियों का चयन कर महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की गई है और जल का दुरूपयोग करने अर्थात टेप नहीं होने, चोरी, तोड़-फोड, ग्राम के अंदर घरों में पंप लगाने आदि पर सामूहिक दण्ड की व्यवस्था की गई है । जल के समान वितरण के लिये अतिरिक्त स्लू स बाल्वह, फ्लो कन्ट्रो ल बाल्वम, कम व्यारस के वाशर की स्थातपना व अन्यत तकनीकी विधियों का उपयोग करने के साथ ही मोबाइल एप जी.ए.एम.एवं वाट्सएप द्वारा सर्विस लेवल बैंचमार्क से जल की मात्रा, प्रेशर, गुणवत्ता व शिकायतों का 48 घंटे में निराकरण का पर्यवेक्षण किया जा रहा है । जलकर बसूली के लिये ग्राम जल एवं स्वाच्छकता समिति द्वारा प्रभावी जागरूक व्योक्ति का चयन कर मानदेय का निर्धारण किया गया है तथा शुध्द जल के मितव्यरयी उपयोग से पैसे की बचत और स्वाकस्य्रण लाभ से जनता को जागरूक कर अपनाने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि योजना में जल उत्पा दन लागत लगभग 12 रूपये प्रति किलोलीटर है जिसके मान से वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2020-21 में जल खपत लगभग 8 लाख लीटर प्रति दिन कम जल का उपयोग करने से लगभग 35 लाख रूपये की बचत हुई है और पूर्व में जो राजस्व वसूली 81.63 प्रतिशत थी, वह वर्ष 2020-21 में 114.49 प्रतिशत रही है। इस नवाचार की सफलता से योजना के अंतर्गत लगभग 90 रूपये प्रति व्यहक्ति प्रति वर्ष की बचत संभव हुई।


