राज्य शासन के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के परिपालन में जिले की 10 तहसीलों के 48 वनग्रामों को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तित किया जाना है जिसमें तहसील परासिया के 5, उमरेठ के 2, जुन्नारदेव के 5, तामिया के 2, मोहखेड़ के 11, सौंसर के 7, पांढुर्णा के 7, बिछुआ के 3, चांद का एक और अमरवाड़ा के 5 वनग्राम शामिल हैं । इस संबंध में ग्रामवासियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव व दावा/आपत्ति एवं ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति और उपखंड स्तरीय वन अधिकार समिति की अनुशंसा पर जिला स्तरीय समिति द्वारा 48 वनग्रामों को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन करने के लिये मान्य किया गया है । अब इन वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना प्रस्तावित है ।
कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने बताया कि जिले की तहसील परासिया के वनग्राम जूनापानी, जोबनाला, शंकरपुर, लोहारीबादरी और शिवपुर, तहसील उमरेठ के वनग्राम चोपनटेकड़ी और पाठाखेड़ा, तहसील जुन्नारदेव के वनग्राम टेकापार, पाढर, कन्हान, कालीमाटी और इमरतीखेड़ा, तहसील तामिया के वनग्राम रीछगांव और सोनपुर, तहसील मोहखेड़ के वनग्राम कोसमढाना, बड़गोना, छिंदबोह, मेहलारी, पिपलगांव, बोरगांव, पिपरिया, छीपानाला, भौरखापा, टोटकादेही और विजयगढ़, तहसील सौंसर के वनग्राम भुड़कुम, पीपलगांव, रामूढाना, गाजनडोह, जोबनडेरा, आमला और नन्दूढाना, तहसील पांढुर्णां के वनग्राम बडडा, मालापुर, गोविंदपुर, बोरपानी, मोरघाट, नारायणघाट और बालापुर, तहसील बिछुआ के वनग्राम कुर्सीपार, टेकापार और बोरिया, तहसील अमरवाड़ा के वनग्राम दीवानगांव, जवाहरगांव, चांदगांव, जंगलीखेड़ा और बेरवन तथा तहसील चांद के वनग्राम कुंभपानी को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना प्रस्तावित है ।


