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वेकोली का पेच क्षेत्र आने वाले भविष्य में कोयला उत्पादन की दृष्टि से कंपनी में महत्वपूर्ण स्थान रखेगा प्रबंधन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नई परियोजनाओं के चालू होने पर सालाना 50लाख टन से अधिक कोयला उत्पाद करने की योजना है सूत्रों से पता चला है कि पता चला कि नई बड़ी ओपन कास्ट खदान विष्णुपुरी में 20 मिलियनटन से ज्यादा कोयले का भंडार है प्रबंधन ने सालाना 20 लॉख टन कोयला उत्पादन की योजना बनाई है हालांकि खदान खोलने में अभी काफी समय लगेगा इसी तरह उरधन ओपन कास्ट से वर्तमान में 5लाख टन सालाना कोयले का उत्पादन होता हैलेकिन उरधन गांव को हटाकर दूसरा भाग जब खोला जाएगा तब प्रबंधन ने 5लाख की जगह 2 गुना कोयला उत्पादन 10लाख टन सालाना करने का लक्ष्य रखा है प्रबंधन ने पिछले महीने में गांव खाली कराने के लिए रहवासियों को नोटिस जारी किया है इसके अलावा धन कसा भूमिगत खदान से सालाना 10 लाख टन कोयला निकालने की प्रबंधन की योजना है धन कसा खदान को खोलने के लिए मोहरे का काम चल रहा है वही जमनिया पठार भूमिगत खदान से प्रबंधन की 7लाख20 हजार टन कोयला निकालने की योजना बनाई है लेकिन लूज मिट्टी होने के कारण मो हरे का काम बंद पड़ा है अब प्रबंधन ने धन कसा खदान से ही जमनिया पठार का कोयला निकालने के लिए योजना बनाई है इन परियोजनाओं के अलावा प्रबंधन की मगरई एवं ठीस गोरा ओपन कास्ट खदान खोलने का भी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है साथ ही पानी भरने के कारण बंद सेठिया ओपन कास्ट खदान को भविष्य में पुनः चालू करने की योजना है वही छिंदा ओपन कास्ट खदान खोलने के लिए टेंडर कर दिया गया है ठेकेदार के द्वारा आने वाले दिनों में काम शुरू किया जाएगा चार सालों से शिवपुरी ओपन कास्ट खदान बंद है भविष्य में उसका काम भी शुरू हो सकता है। पुरानी खदाने होंगी बंद भारी घाटे के कारण पेच क्षेत्र की महादेवपुरी माथनी एवं विष्णुपुरी नंबर दो भूमिगत खदान भविष्य में बंद हो सकती है प्रबंधन की योजना के अनुसार जब विष्णुपुरी में ओपन कास्ट खदान से कोयला निकालना शुरू होगा तो विष्णुपुरी भूमिगत खदान बंद किया जाएगा और फिर केंद्र सरकार ने₹500 से अधिक प्रति टन कोयला निकालने पर घाटा होने पर खदानों को बंद करने की योजना बनाई है इसके अलावा 11 रहवा वेतन समझौता लागू होने पर सीधा असर खदानों पर पड़ेगा जिससे घाटा और बढ़ेगा पेंच क्षेत्र में पुरानी खदानों में केवल एक भूमिगत खदान नेहरिया ही बचेगी जिससे प्रतिमाह 1000 टन कोयला निकाला जा रहा निजी कंपनियों को दी गई सात ख दाने कोयला उत्पादन की दृष्टि से पेंच क्षेत्र का सुनहरा भविष्य था लेकिन केंद्र सरकार की निजी करण की नीति के कारण 7 नई भूमिगत खदानों को निजी कंपनियों को दे दिया गया है क्षेत्र की जनता का यह कहना है कि अगर इन खदाना वेकुली के द्वारा खोला जाता तो ख दाने कई वर्षों त क चलती जिसमें कर्मचारियों की संख्या अधिक होती और अर्थव्यवस्था के हिसाब से व्यापारी गतिविधियां भी लगातार बढ़ती इन नई खदनो में सियालघोगरी कोल ब्लॉक से काम लगातार चल रहा है रिलायंस कंपनी 5 साल से कोयला उत्पादन कर रही है मंडला साउथ एवं मंडला नार्थ भूमिगत खदान जेपी एसोसिएट को मिली है जिसमें जिसमें 4 वर्षों से काम बंद है इन खदानों को खोलने के लिए 30 किसानों की जमीन ली गई है जिन्हें नौकरियां मिली है खदान में काम बंद होने पर कर्मचारियों से खेती का काम कराया जा रहा है लेकिन इन 30 कर्मचारियों को पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिल रहा है जेपी कंपनी कर्मचारियों को खर्चा भर दे रही है इसी तरह ब्रह्मपुरी रावण वा डा एवं ठीस गोरा बी के नाम से जो भूमिगत कोल ब्लॉक है उन्हें भी केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों को दे दिया है जब यह खदानें चालू होंगी तो निजी कंपनियां प्रतिमाह हजारों टन कोयला निकालकर बड़ा लाभ कमाएंगी केंद्र सरकार ने निजी कंपनियां को दे दिया है जब यह खदान चालू होंगी तो निजी कंपनियां प्रतिमाह हजारों टन कोयला निकालकर बड़ा लाभ कमएंगी


