
ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की खुली पोल ग्रामीणों में आक्रोश
हरिओम नेमा
बटकाखापा ---घर-घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का सपना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई पानी टंकी से भी ग्रामीणों को शुद्ध पानी मिलने का सपना हकीकत में नहीं बदल सका। हर्रई के बटकाखापा में कुछ दिन पहले ही एक पानी टंकी का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। जैसे ही नवनिर्मित पानी टंकी में पानी भरा गया तो पानी टंकी से पानी टपकने लगा टंकी पिझरने लगी। जिसके बाद ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण कार्य और भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। जिसके बाद अब बटकाखापा के ग्रामीणों को पानी की समस्या का फिर से सामना करना पड़ेगा। लाखों रुपए की लागत से बनने वाली इस पानी टंकी में ठेकेदार और विभाग के अधिकारी द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया जिसके कारण टंकी ठीक और सही तरीके से नहीं बनाई गई और हालत यह है कि टंकी में पानी भरते ही टंकी से पानी टपकने लगा है। टंकी तो बनाई गई है मगर गुणवत्ता का घोर अभाव है। टंकी निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जब उसमें पानी भरा गया तो पानी का रिसाव होने लगा। पानी भरते ही टंकी के चारों तरफ से बूंद-बूंद कर पानी टपकने लगा। अगर यही स्थिति रही तो इसे टूटकर गिरने से इनकार नहीं किया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का खामियाजा अब हम लोगों को भुगतना पड़ेगा। शुरू से हीरिसाव होने लगा है। जो भ्रष्टाचार व लापरवाही को उजागर करता है।अगर इसकी जांच की जाए तो कई जिम्मेदार बेनकाब हो सकते हैं। लोगों में आशा जगी थी कि अब शुद्ध पानी मिलना शुरू हो जाएगा। मगर उम्मीद पर पानी फिर गया है। उक्त लोगों का यह भी कहना है कि पीएचईडी विभाग के अंतर्गत पानी टंकी बनाया गया है। मगर विभाग के कोई भी पदाधिकारी समय रहते इसे देखने तक नहीं आए।जिसका परिणाम है कि पानी टंकी के निर्माण में गुणवत्ता का घोर अभाव है और ग्रामीण शुद्ध पानी से वंचित हैं। ठेकेदार भी कभी-कभार ही आते थे। जब भी ठेकेदार आया ग्रामीणों के द्वारा गुणवत्तापूर्ण काम करने का आग्रह किया गया। मगर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अब देखना होगा कि खबर के प्रकाशित होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को संज्ञान में लेकर क्या कार्रवाई करते हैं।

