सशस्त्र सेना झण्डा दिवस पर संग्रहित धन राशि सीमाओं पर होने वाले शहीदों की विधवाओं, उनके परिवारजन, भूतपूर्व सैनिकों एवं उनकी विधवाओं और आश्रितों के पुर्नवास के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं उनके कल्याणार्थ चलाई जाने वाली योजनाओं पर व्यय किया जाता है। कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले और सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जया ज़ेवियर (से.नि.) ने छिंदवाड़ा जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि इस वर्ष सभी नागरिक सशस्त्र सेना के झंडे को धारण कर देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जवानों और उनके परिजनों को नमन कर गौरवान्वित करें और उदार भाव से इस पुनीत कार्य में अधिकाधिक राशि झंडा दिवस निधि में दान कर सैनिकों के प्रति अपनी कर्तज्ञता का परिचय देकर कल्याणकारी योजनाओं के संचालन में योगदान दें। व्यक्तिगत और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को इस दान राशि पर आयकर अधिनियम 80 'जी' बी के अन्तर्गत आयकर में शत-प्रतिशत की छूट दी जाती है ।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जेवियर (से.नि.) ने कहा है कि देश की रक्षा हेतु अपने प्राणों की कुर्बानी देने वाले एवं जीवन का सर्वोत्तम समय देश की सेवा में अर्पित करने वाले सैनिकों और उनके परिवारों की सहायता करना हमारा और पूरे समाज का कर्तव्य है। सशस्त्र सेना झण्डा दिवस एक राष्ट्रीय दिवस है और इस दिन के लिये विभिन्न कार्यालयों, संगठनों एवं शिक्षण संस्थाओं को सशस्त्र सेनाओं की ओर से झण्डे भेजे जाते हैं जिनके वितरण के माध्यम से निर्धारित कार्यों के लिये धनराशि जिला सैनिक कल्याण कार्यालय छिन्दवाड़ा के सेन्ट्रल बैंक की ई.एल.सी.शाखा के खाता क्रमांक 1845825071, आई.एफ.एस.सी.कोड-CBIN0283256 में डी.एस.डब्ल्यू.ओ., ए.एस.ई., जेड.एस.बी.छिंदवाड़ा के खाते में नगद/डिमांड ड्राफ्ट/बैंकर्स चैक/आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. द्वारा भी दान राशि एकत्र कर जमा की जा सकती है । उन्होंने बताया कि भारतीय सेनाओं के सर्वोच्च बलिदान एवं कर्तव्यनिष्ठा के स्मरण के लिये सम्पूर्ण देश में 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप मनाया जाता है। सैनिक किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ति में से एक होते हैं। वे राष्ट्र के संरक्षक हैं और हर कीमत पर अपने नागरिकों की रक्षा करते हैं। अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए सैनिकों ने अपने जीवन में बहुत सी चीजों का त्याग किया है। मातृभूमि की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले इन वीरों का देश सदैव ऋणी रहेगा। यह हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल शहीदों और जीवित वीरों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करें, जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए घायल हो गए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी जो इस बलिदान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। यह हमारे देश के प्रत्येक नागरिक का सामूहिक कर्तव्य है कि वह देखभाल, सहायता, पुनर्वास और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए अपना निरंतर और स्वैच्छिक योगदान करे। झंडा दिवस हमारे युध्द में दिव्यांग सैनिकों, वीर नारियों और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिवारों की देखभाल करने की हमारी प्रतिबध्दता को सामने लाता है।


