मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गायों को सड़क एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर खुले में नहीं रख सकते हैं। इसलिए गो-शालाओं का निर्माण तेजी से करें। उन्होंने कहा कि गौबर धन योजना में गो-शालाओं में गोबर गैस संयंत्र लगाए जाएंगे। इससे गो-शालाएँ स्वावलंबी बनेंगी। अधिकारी रोड मेप बना कर कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गो-वंश के लिए पर्याप्त राशि की व्यवस्था करें।
बैठक में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर गो अभयारण्य की स्थापना पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गो-अभयारण्य की स्थापना के लिए एनजीओ का सहयोग लिया जाएगा। एनजीओ के माध्यम से गो-शालाओं का संचालन भी किया जाएगा। जहाँ बड़ी मात्रा में दान राशि आती है, ऐसे मंदिरों के सहयोग से गौशालाओं को राशि दी जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आचार्य श्री विद्यासागर जीवदया (गो-सेवा) सम्मान योजना के पुरस्कार वितरण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के पुरस्कार वितरण के लिए तिथि एवं समय निर्धारित कर लिया जाए। पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, पशु संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


