सहायक संचालक मत्स्योद्योग श्री राजेन्द्र सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया व अन्य स्त्रोतों से ज्ञात हुआ है कि जिले के अन्दर कुछ ऐसी कम्पनी व संगठन सक्रिय हैं जो मत्स्य पालन के नाम से भूमि अनुबंधित कर कृषकों से पैसा उगाहने का कार्य कर रहें हैं। यह भी विदित हुआ है कि एक एकड़ भूमि का अनुबंध कर कृषक से 5.50 लाख रूपये तक लेते हैं और 20 महीने के लिये 60 हजार रूपये की आय प्रतिमाह देने का अनुबंध करते हैं, जबकि शासन की ऐसी कोई योजना मत्स्योद्योग विभाग के अंतर्गत संचालित नहीं है और न ही विभाग इसके लिये जिम्मेदार है। कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा निर्देशित किया गया है कि इस प्रकार के कोई प्रकरण प्रकाश में आते हैं तो इसकी शिकायत तत्काल पुलिस और मत्स्य विभाग में की जाये जिससे मछुआ किसान धोखाधड़ी से बच सकें ।
सहायक संचालक मत्स्योद्योग श्री राजेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले के कई कृषकों द्वारा मत्स्योद्योग कार्यालय से संपर्क कर इस योजना के संबंध में जानकारी चाही गई तो कार्यालय द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि इस प्रकार का कोई अनुबंध नहीं करें और धोखाधड़ी से बचें । उन्होंने जिले के सभी कृषकों को सलाह दी है कि किसी कम्पनी या संगठन से अनुबंध नहीं करें । जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना लागू है व शासन की इस योजना का विभाग द्वारा नियमानुसार संचालन किया जा रहा है। सभी हितग्राही मत्स्योद्योग विभाग के छिंदवाडा स्थित कार्यालय से संपर्क कर शासन द्वारा संचालित योजनाओं से मत्स्यपालन व मत्स्य विपणन का कार्य कर सकते हैं। किसी भी निजी कंपनी या संगठन के जाल में नहीं फंसे।


