
पत्नी द्वारा पति के अन्यत्र अवैद्य संबंधों से क्षुब्ध होने पर परामर्श केंद्र की शरण ली गई,जिसपर पति को बुलाकर कठोर शब्दों में समझाइश देने के साथ ही दंपति के बीस वर्षों तथा क्रमशः अठारह चौदह व बारह वर्षों की संतानों के भविष्य की दुहाई देकर दोनों के बीच वार्तालाप कराई गई ।अंततः पति ने अपने अन्यत्र संबंधों समाप्त करने का वचन देने के साथ ही बच्चों के साथ ही पत्नी के सद्भाव पूर्वक जीवन निर्वाह करने का वचन दिया जिसपर पत्नी अपने वैवाहिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए सहमति प्रदान की।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के के अवस्थी के मार्गदर्शन में अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा, रश्मि राय , प्रीति श्रीवास्तव ने
उक्त मामले के अतिरिक्त दो मामलों में समझौता नहीं होने पर पक्षकारों को न्यायालय की शरण लेने की सलाह देकर प्रकरण नस्तिबद्ध किए जबकि पेश किए गए शेष पांच प्रकरणों में पक्षकारों को समझौते के लिए समझाइश प्रदान कर आपस में वार्तालाप करने तथा विचारविमर्श के लिए समय प्रदान किया।

