राज्य शासन द्वारा जारी वित्तीय वर्ष में नवीन योजना मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के घटक के रूप में भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों हेतु पुरुस्कार योजना प्रारंभ की गई है । कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हरेन्द्र नारायण के मार्गनिर्देशन में इस योजना का जिले में आगामी एक से 15 फरवरी के मध्य क्रियान्वयन किया जायेगा । राज्य शासन द्वारा इस संबंध में जारी दिशा निर्देशों के परिपालन में उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार द्वारा जिले के सभी विभागीय पशु चिकिस्ता विस्तार अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि पात्र ऐसे पशुपालक जिनका उन्नत भारतीय गौ-वंश का प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 6 लीटर से अधिक हो, से निर्धारित प्रपत्र में 5 फरवरी तक आवेदन पत्र विकासखण्ड स्तर पर प्राप्त कर जिला कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें। साथ ही अपने विकासखण्ड में योजना का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें । जिला स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा गायों के दुग्ध उत्पादन के आधार पर प्रथम, व्दितीय व तृतीय पुरूस्कारों के लिये गायों का चयन किया जायेगा ।
उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार ने बताया कि राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में "प्रदेश की मूल गौ-वंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों के लिये पुरस्कार योजना" लागू की गई है जिससे देश-प्रदेश की देशी नस्लों के गौपालन को बढ़ावा दिया जा सके । योजना में 1 से 15 फरवरी तक प्रदेश की मूल और भारतीय उन्नत नस्ल की गायों की प्रतियोगितायें होंगी जिसमें 201 जिला स्तरीय पुरस्कार दिये जायेंगे। इसमें 45 मध्यप्रदेश के मूल गौ-वंशीय और 156 भारतीय उन्नत नस्ल की गायों के पुरूस्कार शामिल हैं । इसके अलावा 6 राज्य स्तरीय पुरस्कार भी दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश की मूल गौवंशीय और भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की प्रतियोगिता जिलों में अलग-अलग आयोजित की गई है। इसमें प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल प्रतियोगिता 15 जिलों और भारतीय उन्नत नस्ल गाय प्रतियोगिता सभी 52 जिलों में होगी। अधिक दूध देने वाली गायों के पशुपालकों को पुरस्कार दिया जायेगा। प्रदेश की मूल गौवंशी नस्ल-मालवी, निवाड़ी और केनकथा नस्ल गाय का प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 4 लीटर या अधिक और भारतीय गाय का 6 लीटर या उससे अधिक होना चाहिए। उन्होंने बताया कि दोनों प्रतियोगिताओं में जिला स्तरीय प्रथम, व्दितीय व तृतीय पुरस्कार क्रमश: 51 हजार रूपये, 21 हजार रूपये और 11 हजार रूपये है। इसी प्रकार राज्य स्तरीय पुरस्कार भी क्रमश: 2 लाख रूपये, एक लाख रूपये और 50 हजार रूपये है। तीनों पुरस्कार के अलावा शेष प्रतियोगी गायों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायेंगे। पुरस्कार प्राप्त सभी पशुपालकों की सूची गायों की नस्ल और दुग्ध उत्पादन के ब्यौरे के साथ विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। उन्होंने जिले के पशुपालकों से अधिक से अधिक संख्या में अपने आवेदन संबंधित विकासखंड के पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्धारित तिथि तक प्रस्तुत करने की अपील की है ।


