जिले के किसान फसल विविधीकरण के अंतर्गत प्राकृतिक व जैविक खेती से जहां विपुल फसल उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं, वही आर्थिक रूप से समृध्द भी हो रहे है। छिंदवाड़ा जिले के नगरपालिक निगम छिंदवाड़ा के खजरी क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक श्री राहुल कुमार वसूले एक ऐसे ही कृषक है जो इंजीनियर की नौकरी छोडकर अब प्राकृतिक व जैविक कृषि और पशुपालन के माध्यम से अत्याधुनिक खेती कर प्रति एकड़ लगभग एक से डेढ़ लाख रूपये तक की आय प्राप्त कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के दृष्टिगत मिलेट्स उत्पादन और मिलेट्स के खाद्य प्रसंस्करण द्वारा भी उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है तथा अनाज, सब्जियों व मशरूम उत्पादन के साथ ही दुग्ध उत्पादन का कार्य भी कर रहे हैं जिससे जिले के अन्य कृषक भी प्रेरित होकर जैविक व प्राकृतिक खेती करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं । अत्यंत शिक्षित श्री वसूले एक प्रसिध्द कंपनी में 15 लाख रूपये का पैकेज छोड़कर प्राकृतिक व जैविक कृषि के माध्यम से अब प्रति वर्ष लगभग 25 लाख रूपये से अधिक की आय प्राप्त कर रहे हैं ।
नगरपालिक निगम छिंदवाड़ा के खजरी क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक श्री राहुल कुमार वसूले ने बी.टेक और एम.बी.ए.तक शिक्षा प्राप्त की है और 10 वर्षों तक एक पावर कंपनी में इंजीनियर व मैनेजर के पद पर कार्य कर चुके हैं जिसमें उन्हें प्रति वर्ष लगभग 15 लाख रूपये की आय होती थी । नौकरी के दौरान अपने आस-पास हर जगह रसायनों का प्रयोग और इसके कारण बढती हुई बीमारियों को देखकर वे इस दिशा में कुछ करना चाहता थे जिसकी वजह से उन्होंने जैविक खेती को अपना ध्येय बनाया। जैविक खेती करने के लिये उन्होंने सबसे पहले देश के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त किया और कृषि विभाग के अधिकारियों व वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन भी प्राप्त किया । कृषि विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं में सहभागिता कर उन्होंने गोबर, गौमूत्र, नीम आदि का उपयोग कर जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और अन्य जैविक खाद, केचुंआ खाद आदि बनाना सीखा एवं अब अपनी खेती में इसका उपयोग कर रहे हैं । उनके पास 10 एकड भूमि है जिसमें वे जैविक खेती कर रहे हैं। खेती में कुछ परिवर्तन और जैविक पध्दति के उपयोग से उनकी वर्तमान स्थिति काफी सुखद है ।प्रगतिशील कृषक श्री राहुल कुमार वसूले द्वारा जैविक खेती से विभिन्न सब्जियों टमाटर, फ्रैंचबीन, ब्रोकली, फूलगोभी, तरबूज, ककडी व अन्य सब्जियों की खेती कर विपुल उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है । अनाज में गेंहू, मक्का, तुअर, स्वीट कॉर्न के उत्पादन से भी अच्छी आय प्राप्त की जा रही है। उनके द्वारा मोटा अनाज (मिलेट्स) जैसे ज्वार, बाजरा, रागी आदि की खेती भी की जा रही है। खेती के अलावा पशुपालन व दुग्ध उत्पादन और मशरूम का भी उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में रबी, खरीफ और जायद तीनों मौसम में वे फसलों से पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही समय-समय पर विभागीय अधिकारियों से मिलकर नवीन तकनीक की जानकारी भी प्राप्त कर उसे कृषि में अपना रहे हैं । उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह और वैज्ञानिकों द्वारा उनकी खेती व फसलों का भी निरीक्षण कर मार्गदर्शन दिया गया है। जैविक खेती का एक अच्छा परिणाम यह देखने में आया कि अब उनके खेत मे काफी संख्या मे केंचुये दिखाई देते है, जिससे मृदा की ऊर्वरक क्षमता में भी वृध्दि हुई है । आसपास के ग्रामों के किसानों ने उन्हें इस तरह की जैविक खेती करते देखा तो वे भी काफी प्रभावित हुये हैं और अब कुछ रकबे में रसायन मुक्त खेती कर रहे हैं। उनके द्वारा उत्पादित गेहूं, चना व मूंग दाल, मिलेट्स, ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी आदि और गुड़ का पाउडर एवं हल्दी व मिर्ची का पाउडर का अंतर्राज्यीय स्तर पर गुड़गांव, नोयडा, पुणे, मुंबई, नागपुर आदि क्षेत्रों में निर्यात किया जा रहा है । ये सभी वस्तुयें पी.जी.एस.सर्टिफाइड जैविक वस्तुयें हैं जिनकी अत्यधिक मांग है । इस कार्य से लगभग 8 से 10 व्यक्तियों को भी रोजगार मिला है । कृषक श्री वसूले भारतीय किसान संघ से जुडे हुये हैं और उन्होंने श्रीराम जैविक कृषक समूह भी बनाया है जिससे लगभग 400 से 500 किसान जुड़े हैं । वे जिले की सभी 13 तहसीलों में जाते हैं और इन सभी किसानों से जीवंत संपर्क बनाकर उन्हें निरंतर जैविक खेती के लिये प्रेरित करते हैं तथा उनके द्वारा उत्पादित फसलों की मार्केटिंग के लिये भी उन्हें आश्वस्त करते हैं जिससे उन्हें उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके । वर्तमान में उनकी पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है। उनके परिवार में उनकी माता के साथ ही उनकी पत्नी और एक बेटा तथा उनका छोटा भाई श्री विशाल वसूले, उसकी पत्नी व एक बेटे के साथ संयुक्त परिवार में रहते हैं । उनका छोटा भाई भंसाली पॉलीमर्स सतनूर में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है । उन्हें कई अवार्ड भी प्राप्त हुये हैं तथा गत 23 सितंबर 2022 को ताज होटल आगरा में आयोजित जैविक इंडिया अवार्ड में उन्हें प्रथम स्थान मिला है।
कृषक श्री राहुल कुमार वसूले वर्तमान में जैविक नवरतन आटा का प्लांट लगाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं । इस नवरतन आटे में ज्वार, बाजरा, रागी, मूंग, मोंठ, काला गेहूं, चना, तुअर और शरबती गेहूं का मिश्रण रहेगा जो पी.जी.एस.सर्टिफाइड के रूप में विक्रय किया जायेगा । इस कार्य के लिये उन्होंने लगभग 35 लाख रूपये की कार्ययोजना तैयार की है और भारतीय स्टेट बैंक की कृषि शाखा छिंदवाड़ा में अपना ऋण प्रकरण जमा कर दिया है । इस खाद्य प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना से क्षेत्र के लगभग 50 लोगों को वे रोजगार दे सकेंगे। श्री वसूले कहते हैं कि जैविक व प्राकृतिक कृषि का यह कार्य मेरे लिये संतोषप्रद है तथा कृषि विभाग के अधिकारियों और वैज्ञानिकों के उचित मार्गदर्शन के कारण में उनके साथ ही जिला प्रशासन और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता हूं ।


