जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक संपन्न
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बैठक में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में ग्राफ्टिंग व टिशु कल्चर के नवाचार के संबंध में वन अनुसंधान संस्थान देहरादून जाकर नई तकनीकी की जानकारी प्राप्त करें और उसका उपयोग जिले के किसानों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं व अन्य हितग्राहियों के लिये करें जिससे जिले में जहां नई क्रॉफ्ट तैयार हो सकेगी, वहीं किसान, महिलायें व अन्य हितग्राही रोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से समृध्द हो सकेंगे । उन्होंने कहा कि निजी किसानों की जमीन पर मिलिया डूबिया व क्रोमलिया जैसी किस्मों के नये प्लांट लगवायें जिससे उन्हें एक साल में ही 60 हजार रूपये से एक लाख रूपये तक की आय मिल सकेगी। साथ ही वे इस प्लांट के बीच की भूमि में अन्य फसलें भी ले सकते हैं । उन्होंने 35 से 40 डिग्री से कम तापमान पर घने वन क्षेत्रों में कालीमिर्च व पीपल के पौधे लगाने और मशरूम की खेती करने का सुझाव भी दिया । उन्होंने नीम के प्लांटेशन पर भी ध्यान देने के लिये कहा जिससे किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सके। उन्होंने निर्देश दिये कि मनरेगा के अंतर्गत बनाये गये तालाबों और अमृत सरोवरों के किनारे-किनारे मुनगा का प्लांटेशन करायें तथा 3 मीटर गहराई वाले तालाबों में फिंगरलिंग के स्थान पर ईयरलिंग साईज की मछलियों को डालने का प्रयोग करें जिससे मत्स्यपालक को अधिक आय मिल सके । उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ऐसे आवासों के निर्माण के लिये कहा जिसमें हितग्राही को पेयजल, स्वच्छता, प्रसाधन, विद्युत, उज्जवला आदि अन्य सुविधायें भी मिल सकें । उन्होंने मनरेगा की उन्नति योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को स्किल डेव्हलपमेंट के विभिन्न क्षेत्रों का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिये कहा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके ।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री सिंह ने बैठक में मनरेगा योजना के अंतर्गत अमृत सरोवर, तालाब, लेबर बजट, नेशनल मोबाईल मॉनिटरिंग सिस्टम के अंतर्गत पंचायत के व्हाट्सअप ग्रुप, पौधारोपण, वाटरशेड मिशन, लोकपाल आदि की प्रगति की विस्तार से जानकारी प्राप्त की । उन्होंने अमृत सरोवर के अंतर्गत बनाये गये तालाबों की एक कमेटी बनाकर एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन भेजने के निर्देश कलेक्टर को दिये । उन्होंने जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में नेशनल मोबाईल मॉनिटरिंग सिस्टम के अंतर्गत निर्धारित मापदण्डों के अनुसार व्हाट्सअप ग्रुप से विनर-रनर जनप्रतिनिधियों को जोड़कर ग्रुप के संचालन की भी जांच कर एक सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने वाटरशेड मिशन के अंतर्गत स्वीकृत कार्य इसी माह मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश दिये । उन्होंने वन नेशन वन कार्ड की जानकारी लेते हुये जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दिये कि जिले में चिन्हित 56 लाभार्थियों को वन नेशन वन कार्ड से मिलने वाले राशन की सुविधा का सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार करायें जिससे लोगों को इस योजना की जानकारी और लाभ के संबंध में ज्ञात हो सके । उन्होंने शौर्या सोलर चूल्हा के लाभ के संबंध में चर्चा करते हुये बताया कि यदि एक करोड़ सोलर चूल्हों का उपभोक्ता उपयोग करते हैं तो 3 साल में 20 हजार करोड़ एल.पी.जी.गैस की राशि बचेगी और 10 हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा बचेगी एवं प्रत्येक एल.पी.जी.उपभोक्ता को 4 यूनिट कार्बन क्रेडिट होगा । उन्होंने निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी व ग्रामीण) में आवास लोकार्पण के दौरान जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, सामाजिक न्याय विभाग की पेंशन योजनायें, जल जीवन मिशन, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह आदि की प्रगति की जानकारी भी प्राप्त की और हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्रीमती पटले ने जिले की प्रशासनिक व भौगोलिक संरचना के साथ ही अन्य जानकारी दी । संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा भी विभागीय योजनाओं की प्रगति की विस्तार से जानकारी दी गई ।


