छिंदवाड़ा. विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच ने आज देश के 650 जिला केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन कर विशाल रैली निकालकर महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर संत श्री आशारामजी बापू की रिहाई की मांग की। ज्ञापन में बताया कि संत हमारी सनातन संस्कृति की पहचान हैं । हमारा देश संतों की , महापुरुषों की भूमि है । संत श्री आशारामजी बापू ऐसे संत हैं , जिन्होंने पूरे विश्व में आध्यात्मिक क्रांति लाई है। पूरे देश में जनहित के सेवाकार्यों की अलख जगाई है । सम्पूर्ण विश्व के बच्चों को विद्यार्थियों को , युवाओं को नई राह दिखाकर 14 फरवरी ~ " मातृ - पितृ पूजन दिवस " की शुरूआत की जो अब विश्व के 167 देशों का पर्व बन चुका है। इनके आज भी 550 आश्रम , 22 सौ समितियाँ और 11 करोड़ शिष्य हैं। सभी शिष्यों की माता , बहन , पत्नी , होना स्वाभाविक है , इस प्रकार 44 करोड़ लोगों की आस्था का जानबुझकर हनन किया जा रहा है । उनके प्रकरण में ना कोई गवाह है , ना कोई सबूत । सभी सहआरोपियों को न्यायालय पहले ही बरी कर चुका है । फिर सिर्फ निर्दोष बापू के साथ ही अत्याचार क्यों ? माननीय सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू कहते है की देश की 80 प्रतिशत निचली अदालत भ्रष्ट हैं । जिसका परिणाम पूरा देश भुगत रहा हैं । देश में लगभग 90 करोड़ मतदाता हैं , जिसमें से 70 प्रतिशत मतदाता अपने मत का उपयोग करते हैं , और 36 प्रतिशत मत मिलने पर ( 23 करोड़ ) सरकार बन जाती है और यहाँ 44 करोड़ लोगों की आस्था जुड़ी है । इतिहास गवाह है : सन्तों पर जब - जब अत्याचार हुआ है , प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है । सन् 2018 में पूज्य बापू जी को सजा सुनाई । सन 2019 में कोरोना ने लाखों लोगों की जान लेकर करोड़ों लोगों को प्रभावित कर दिया । पूरे विश्व के हालात चिंताजनक है , रूस- यूक्रेन युध्द के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है । वहीं हमारे पड़ोसी देश , श्रीलंका , पाकिस्तान , अफगानिस्तान , चीन , बांगलादेश के हालात चिंता जनक हैं । ज्योतिषियों का मानना है कि आने वाला समय और अधिक कष्ट दायक है । हमारे देश तथा सम्पूर्ण विश्व की दुर्दशा का जिम्मेदार भ्रष्ट न्याय व्यवस्था और राजनैतिक षड्यंत्र है । देश भर के जिला केंद्रों पर हम करोडों बहनें रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं। हमारी प्रार्थना है कि सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याणार्थ संत श्री आशारामजी बापू की रिहाई की जाये। इसी में हम सबकी भलाई है ।ज्ञापन देते समय साध्वी रेखा बहन साध्वी प्रतिमा बहन ,सुमन दोईफोड़े , विमल सरेके , दीपा डोडानी , छाया सूर्यवंशी , दर्शना बहन ,डॉ मीरा पराडकर , शकुन्तला कराडे ,
योगिता पराडकर , सँगीता शिवहरे मुख्य रूप से उपस्थिति रही ।


