: कूट रचित दस्तावेज के आधार पर जमीन का नामांतरण फर्जी अंकसूची के आधार पर नगर निगम में कर्मचारी बन बैठे चौहान की शिकायत जिला कलेक्टर को की गई ।शिकायत कर्ता ने बताया कि गुरैया नाका के पास रहने वाले खिम्मू चौहान ने कलेक्टर बंगले से लगी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करते हुए अपना मकान का निर्माण कर अपना आशियाना बना लिया है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार फर्जी अंकसूची लगाकर शासकीय नौकरी का लाभ लिया जा रहा है ।साथ ही अपने पुत्र और दामाद को भी नगर निगम छिंदवाड़ा में अपने पद का धोस दिखाकर पर्याप्त एजुकेशन ना होने के बाद भी नौकरी दिला दी गई है। वही बुध्दनाथ चौहान की मां के नाम से अपने मायके सोनपुर में लाखों रुपए की संपत्ति भी अन्य के नाम पर विक्रय करा दिया गया है। ज्ञात हो कि दशोदा बाई चौहान पूर्व पति स्वर्गीय रूपचंद चौहान के पुत्र खिम्मू चौहान के द्वारा अपने पद और पैसे के घमंड में आकर अपनों को भी नहीं बख्शा गया है।अब देखना यह होगा ऐसे कर्मचारियों पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।और साथ ही ग्राम पटपड़ा में स्थित कृषि भूमि जो पिरथी नाथ चौहान की है। उक्त कृषि भूमि को भी अनुचित रीति से अपने नाम
 |
|
पर करा लिया गया है। जबकि उक्त रजिस्ट्री में लेख है की मां दशोदा चौहान और पुत्र मनोज चौहान व बुद्धनाथ चौहान उस समय नाबालिग थे ।मां के अनपढ़ होने का फायदा उठाकर उक्त कृषि भूमि की रजिस्ट्री करा लिया गया था। जब मनोज चौहान ने मकान बनाने के लिए उक्त भूमि से कुछ हिस्सा मांगा तब ही खिम्मू चौहान ने कन्हरगांव चौकी में शिकायत की थी। जिसमें उक्त रजिस्ट्री का उल्लेख किया गया था।जिसमें साफ उल्लेख किया गया है कि उक्त भूमि पिरथी नाथ चौहान के निधन होने के बाद मां दशोदा पुत्र मनोज व बुध्दनाथ चौहान की है। पिरथी नाथ के पुत्र मनोज व बुध्दनाथ को जानकारी लगी थी कि उक्त कृषि भूमि में हमारे साथ खिम्मू चौहान ने पूर्व में चोरी से अनुचित रीती से उक्त भूमि अपने नाम करा लिया है।उक्त कृषि भूमि का खसरा नं 760/3 और रकबा नं 0.619 हेक्टर है ज्ञात रहे कि उक्त कृषि भूमि पिरथी नाथ की पैतृक संपत्ति है।वर्ष 1987 में उन्होंने अपने कुटुम परिवार से बुद्ध नाथ चौहान के पिता पिरथीनाथ चौहान ने खरीदी थी।उसके बाद पिरथी नाथ
 |
|
चौहान का निधन हो जाने के बाद मां दशोदा बाई चौहान के पुर्व पति के पुत्र खिम्मू चौहान ने अपने कलेक्टर के कर्मचारी होने का धोस दिखाते हुए राजस्व अभिलेखों में भी छेड़खानी की गई है।कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण फर्जी तरीके से उक्त कृषि भूमि अपने नाम करा लिया है। और पता लगते ही किसी अन्य को विक्रय कर करने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जबकि उक्त भूमि में अभी भी मां दशोदा चौहान पुत्र मनोज और बुध्दनाथ का कब्जा है ।परिजनों को फर्जी रजिस्ट्री के पता लगते ही पिरथीनाथ चौहान के पुत्रों ने परासिया न्यायालय में केस चल रहा है।किंतु अब समझौता करने के लिए कलेक्टर बंगले में माली के पद पर पदस्थ खिम्मू चौहान के द्वारा लागातार दबाव बनाया जा रहा है।बुद्धनाथ चौहान ने बताया कि धर्म और हमारे कर्म ही ऊपर जायेगा हमारे पिता की भूमि में खिम्मू चौहान ने अनुचित रीति से स्वयं का नाम करा लिया है और मेरे परिवार जानो को जान से मारने की धमकी दे रहा है।धमकी देने वा दबाव बनाने वाले खिम्मू चौहान पुत्र सोनू चौहान और उनके साथी गण बार-बार धमकाने का प्रयास कर रहे हैं ।इस केस का समझौता नहीं किया तो जिंदा नहीं रहने देंगे ।बोल कर धमकाया जा रहा है।