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सांई जय गुरूदेव आजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलायें पहले से ही स्वयं के घर में पापड बनाकर बेचती थी, लेकिन समूह में जुड़ने के बाद समूह की सदस्यों ने तय किया कि पापड़ बनाने की ही गतिविधि समूह में चालू रखी जाये । इसके बाद नगरपालिक निगम के माध्यम से दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत समूह का निर्माण किया गया । साथ ही महिलाओं की गतिविधि की पहचान की गई और उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनने के लिये गृह उद्योग के संबंध में प्रेरित किया गया। महिलाओं ने एक मत से तय किया कि दूसरों के यहां काम करने से अच्छा है कि स्वयं के लिए कार्य किया जाये । इस समूह की 10 महिलाओं ने समूह बनने के 5 माह बाद 10,000 रूपये की आवर्त निधि की राशि प्राप्त की और इसके बाद उन्हें मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक से एक लाख रूपये की नगद साख सीमा की लोन राशि प्राप्त हुई जिसका उपयोग उन्होंने पापड बनाने की गतिविधि में किया । वर्तमान में समूह को मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक से ही समूह लोन के अंतर्गत 3 लाख रूपये का ऋण प्राप्त हुआ है जिससे उनका पापड़ का गृह उद्योग अच्छी तरह से संचालित हो रहा है । अब इस समूह की महिलाओं को 5000 रूपये की मासिक बचत हो रही है । सांई जय गुरूदेव आजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलायें अब अपने इस कार्य को और अधिक उच्च स्तर पर बढ़ाने का प्रयास कर रहीं हैं जिसमें सभी महिलाओं ने सहमति प्रदान की है ।


