ठेकेदार और पीएचई विभाग के इंजीनियर की मिलीभगत आ रही सामने
जुन्नारदेव ----- वर्तमान में भ्रष्टाचार का बोलबाला सर चढ़कर बोल रहा है जहां पर निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ कर आम जनों की सुख-सुविधाओं से खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं वर्तमान में अनेकों निर्माण कार्य ऐसे देखे जा सकते हैं जिनमें गुणवत्ता हीन निर्माण कार्य होने के बाद भी इन पर कार्यवाही ना किया जाना लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है इसी प्रकार का एक मामला जुन्नारदेव विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरबानी में देखने को मिल रहा है जहां पर ग्रामीणों की सुख सुविधाओं के लिए और उन्हें शुद्ध पेयजल प्रदाय करने के लिए जल जीवन मिशन अंतर्गत 98 लाख की लागत से पानी की टंकी का निर्माण कार्य कराया जाना था निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी किया गया जिसमें एक ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य किया गया कार्य करने के दौरान गुणवत्ता हीन सामग्री और लापरवाही पूर्ण कार्य किए जाने के कारण अब पानी की टंकी पहली बार पानी भरते ही जगह-जगह से सीपेज होती नजर आई इसमें ठेकेदार की लापरवाही और भ्रष्ट स्वरूप स्पष्ट रूप से उजागर हो रहा है।
पंचायत के जनप्रतिनिधियों साठगांठ और लापरवाही भी हो रही उजागर ----- 98 लाख की लागत से ठेकेदार द्वारा किए गए इस निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग समय-समय पर पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा भी की जाती रही है साथ ही निर्माण कार्य की गुणवत्ता को दरकिनार कर किए जा रहे निर्माण कार्य की और जनप्रतिनिधियों ने भी ध्यान नहीं दिया इसका मुख्य कारण निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार द्वारा इनकी जेब गर्म कर दिया जाना बताया जा रहा है ऐसे में पंचायत की जनता प्रतिनिधियों का चुनाव कर उन्हें सर पर बिठाती है और यह जनप्रतिनिधि थोड़े से लालच के लिए जनता की सुख-सुविधाओं से खुला खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं।
बिछाई जा रही पाइप लाइनों में भी गड़बड़ी किए जाने की खबर ----- विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पानी की टंकी का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत घरों तक पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है जिसमें भी गुणवत्ता ही सामग्री और सांठगांठ की बात कहीं जा रही है।
पीएचपी विभाग के इंजीनियर की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे सवालिया निशान ----- 98 लाख की लागत से बनाई गई इस पानी की टंकी की गुणवत्ता जांच हेतु पीएचई विभाग के इंजीनियर द्वारा सर्वे किया गया था अब सवाल यह उठता है कि पानी की टंकी बनने के बाद लगातार जगह-जगह से पानी सीपेज होने पर इसका जिम्मेदार कौन होगा इंजीनियर द्वारा कैसा सर्वे किया गया क्या सांठगांठ कर निर्माण कार्य को अंजाम तक पहुंचाया गया इन सभी बातों पर सवालिया निशान खड़े हैं फिलहाल पीएचई विभाग भी इस निर्माण कार्य की लापरवाही में बराबर का दोषी साबित हो सकता है।
ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की उठाई मांग ---- पानी टंकी सीपेज होने के बाद ग्रामीणों के चेहरे पर टंकी बनने के पहले आई मुस्कान अब खामोशी में तब्दील हो गई है अब ग्रामीण अपनी सुख-सुविधाओं से खिलवाड़ करने वाले ठेकेदार और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।


