एक कमरे में पांच कक्षाओं को एक साथ पढ़ा रहा एक शिक्षक
सफेदपोश नेताओ के इशारे पर मनमर्ज़ी मुताबिक चल रहा अटैचमेंट खेल,शिक्षक विहीन स्कूल़ पर बेपरवाह अधिकारी
मोहखेड:-विकासखंड के शासकीय प्राइमरी स्कूलों का यह हाल है। ऐसे में बच्चों के शिक्षा के स्तर को सुधारने की कैसी कवायद हो रही है, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है, जबकि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा विभाग प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने और छात्र संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहा है। शिक्षकों ट्रेनिग भी कराई, जिसमें शिक्षकों को सिखाया गया कि बच्चों को कैसे पढ़ाएं कि उनका शैक्षणिक स्तर सुधर सकें, लेकिन विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की है। एक ही शिक्षक के जिम्मे पांच कक्षाएं हैं।
ऐसा ही एक स्कूल मोहखेड विकासखण्ड से 60 किलोमीटर जन शिक्षा केन्द्र हीरावाडी अंतर्गत शासकीय प्राथमिक विद्यालय बिछुआ-बैतूल है।
यहां कक्षा एक से पांच तक में 34 विद्यार्थी अध्यनरत हैं। इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक जो प्रधानपाठक व बीएलओ भी है चित्रभानसिंह उइके को जिम्मेदारी दी गई है। जिस दिन इनकी तबियत खराब होती है या कोई सरकारी काम आ जाता है तो स्कूल मजबूरी में बंद करना पड़ता है। अकेले शिक्षक होने के कारण एक ही कमरे में पांच अलग-अलग कक्षाएं लगाकर श्री चित्रभानसिंह उइके 32 बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
पढ़ाई के साथ कार्यालय व बीएलओ के भी कार्य, बैठे रहते हैं बच्चे
एक ही शिक्षक होने के कारण वे कभी पहली से पांचवीं तक के बच्चों को एक साथ कमरे में पढ़ाते है. स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ने के बाद भी विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ाई है। एक ही शिक्षक होने के कारण अध्यापन का कार्य कराने के अलावा उन्हें कार्यालय व बीएलओ के सभी कार्य स्वयं ही करने पड़ रहे हैं। शिक्षक की कमी के कारण छात्र भी कक्षा में खाली बैठे रहते हैं। इसका असर उनकी पढ़ाई पर पड़ रहा है। अभिभावक लगातार विभाग से स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है।कक्षा में जो होशियार विद्यार्थी हैं इनकी की पढ़ाई-लिखाई में मदद लेकर किसी तरह कक्षा संचालित कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता की बात करना बेईमानी साबित हो रहा है। जबकि इसके लिए शिक्षक चित्रभानसिंह उइके ने जुलाई महीने में ही जनशिक्षक जयदेव मालवी को अवगत कराया था। लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई।श्री उइके ने बताया कि कक्षा एक में 07, दो में 08, तीन में 05, चार में 07और कक्षा पांचवीं में 07 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। सभी को एक ही कमरे में बैठाकर पढ़ाने की मजबूरी है। भवन है लेकिन शिक्षक ही नहीं है।इधर सबंधित जिलाशिक्षा अधिकारी गोपाल बघेल से दूरभाष संपर्क साधा गया किंतु उन्होंने फोन उठाना उचित नही समझा.बहरहाल देखा जाये तो शिक्षको की कमी से जूझ रहे स्कूलो से इन्हें कोई सरोकार नही है.सफेदपोश नेताओं के इशारे पर शिक्षको यहा-वहा अटैच कर दिया जाता है किंतु जहा शिक्षको की आवश्यकता है वह पर कोई ध्यान नही है.
इनका कहना
यह बात मेरी जानकारी मे किंतु जनशिक्षा केंद्र मे कही भी अतिरिक्त शिक्षक नही है.ऐसें में संकुल प्राचार्य से मेरी फोन पर बातचीत हुई उन्होंने अन्य जनशिक्षा केंद्र से व्यवस्था किए जाने की बात कही है।बिछुआबैतूल के अलावा महुआढाना स्कूल़ में यही स्थिति है.
जयदेव मालवी, जनशिक्षक,जनशिक्षा केंद्र हीरावाडी
यह मेरे जानकारी में है,मै बीईओ से बातचीत करके आगे कुछ बता पाउंगा.
कृष्णा डिगरसे, अध्यक्ष जनपद पंचायत मोहखेड
यह मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान मे लाया गया है,इस बारे में जिलाशिक्षा अधिकारी से बातचीत कर बिछुआबैतूल और महुआढाना स्कूल़ में शिक्षक की व्यवस्था बनाने की बात रखुंगी.
श्रीमती बिंदूलालसिंह बट्टी, जिला पंचायत सदस्य

