शासन के निर्देशों की शराब ठेकेदार उड़ा रहे खुलेआम धज्जियाँ
दुकानों में न रेट लिस्ट, नहीं दिया जा रहा बिल मनमाने दामों पर बेची जा रही है शराब
मनेश साहू संपादक एवं मीडिया संगठन जिला अध्यक्ष
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छिंदवाड़ा:-शासन के निर्देशो के बावजूद भी शराब दुकानों में न तो रेट लिस्ट लगी है और न ही शराब खरीदने वालों को बिल दिया जा रहा है। मामला छिंदवाड़ा जिले कई क्षेत्रों में देशी और विदेशी शराब दुकानों का है। लगातार शिकायत मिलने के बावजूद आबकारी विभाग के अधिकारी शिकायत मिलने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। हालात यह है कि शराब दुकानदार मनमाने तरीके रेट से अधिक दामों पर खुलेआम शराब का विक्रय कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक पुरे छिंदवाड़ा जिले में अंतर्गत अंग्रेजी और देशी शराब की कई दर्जनों दुकानें हैं। शासन के स्पष्ट निर्देश है कि जो भी शराब दुकानों से बेची जाए उसकी रेट लिस्ट दुकानों में स्पष्ट अक्षरों में लगी होनी चाहिए। साथ ही ग्राहकों को भेजी गई शराब का मांगने पर बिल भी दिया जाना चाहिए। लेकिन शराब चारों शराब दुकानों ग्राहक द्वारा बिल मांगने की बात तो छोड़िए रेट लिस्ट का कहीं अता पता नहीं है। हालात यह है कि शराब दुकानदार एमआरपी से अधिक दामों पर ग्राहकों को शराब परोस रहे हैं। जानकारी के तौर पर बताते चलें कि शराब ठेकेदार गांव-गांव चौपहिया वाहनो के माध्यम शराब सप्लाई कर रहे हैं। इस अवैध करोबार को लेकर पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने शासन-प्रशासन को पत्र के माध्यम से अवगत कराया.ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही इस अवैध धंधे की जानकारी होने के बावजूद अभी तक अधिकारियों के सुस्त रवैए के चलते हो खुलेआम यह धंधा चल रहा है। इस मामले को लेकर अभी तक कोई भी एक्शन नहीं लिया गया। सूत्रों की मानें तो अवैध शराब के विक्रय में अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।
किसी भी शराब दुकान का आज तक नहीं हुआ निरीक्षण
जानकारों की मानें तो आबकारी विभाग के अधिकारी सिर्फ छोटी-छोटी कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ चाहे उमरानाला विदेशी एवं अंग्रेजी शराब के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आज तक किसी भी शराब दुकान दुकान के स्टॉक रेट लिस्ट और बिल को लेकर निरीक्षण तक नहीं किया गया।
ठेकेदार के गुर्गों की चल रही दबंगई
बता दे क्षेत्र में ठेकेदार के गुर्गों की दबंगई का सच किसी नही छुपा है.ठेकेदार के गुर्गे कानून को ठेंगा दिखाते हुए स्वयं ही कच्ची शराब की धरपकड़ कर पिठाई पुलिस के पास ले जाकर मामला बनाया जाता है.जिन्हें कानून की जिम्मेदारी दी वह हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है.सहर यह साफ नजर आ रहा है जिम्मेदार आबकारी और पुलिस प्रशासन ने इन ठेकेदारो को खुली छूट दे रखी है.जिससे गांवो में अवैध शराब का धडल्ले से चल रहा है.

