अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जुन्नारदेव और थाना प्रभारी जुन्नारदेव को सौपा ज्ञापन
सच की आंखें जुन्नारदेव ---- जुन्नारदेव विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरवानी में ग्रामीण मुख्य सड़क से गंगा माई नदी तक लगभग 3 किलोमीटर सड़क की मांग कई वर्षों से करते आ रहे हैं किंतु ग्रामीणों की मांग को ना तो शासन प्रशासन द्वारा सुना जा रहा है और ना ही जनप्रतिनिधि और राजनेता इस और कोई ध्यान दे रहे हैं ऐसे में अब इस चुनावी दौर में ग्रामीणों ने एक बार फिर सड़क निर्माण की मांग की है और सड़क निर्माण की मांग करते हुए ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि एक सप्ताह में सड़क निर्माण का कार्य नहीं किया जाता है तो समूची खैरवानी बस्ती चुनाव का बहिष्कार करेगी इसके लिए अब ग्रामीण सड़क पर उतरने को भी तैयार है ग्रामीणों का कहना है कि यदि एक सप्ताह में रोड तैयार नहीं होती है तो पूरा गांव चुनाव का बहिष्कार करेगा रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाएगा। उक्ताशय का ज्ञापन ग्राम पंचायत खैरवानी के ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जुन्नारदेव और पुलिस थाना जुन्नारदेव में सोपा गया है और रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे भी लगाए हैं साथ ही थाना प्रभारी को सौंप गए ज्ञापन में शांतिपूर्ण आंदोलन की बात भी कही है अब देखना यह है कि भारतीय लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए शासन प्रशासन क्या सकारात्मक कदम उठाते हैं क्या ग्राम पंचायत खैरवानी के ग्रामीणों को सड़क की सौगात प्राप्त होती है या फिर आश्वासन ही दिया जाता है वही ग्रामीणों का कहना है कि बीते कई वर्षों से उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा है कि सड़क बनेगी किंतु आज भी वे सड़क से अछूते हैं बारिश के दिनों में जल भराव और कीचड़ की स्थिति के चलते उनके बच्चे स्कूल कॉलेज तक नहीं पहुंच पा रहे हैं साथ ही रोजमर्रा के कामों को करने में भी सड़क से गुजरने में खासी दिक्कतें आ रही है ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि शासन प्रशासन तत्काल सड़क बनाने की कार्रवाई पूर्ण करें नहीं तो ग्रामीण इस वर्ष विधानसभा और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
शुक्रवार से शुरू होगा आंदोलन ग्रामीण बैठेंगे सड़क पर ----- ग्राम पंचायत खेरवानी में ग्रामीण लगभग दो से तीन दशक से ग्राम में सड़क की मांग कर रहे हैं किंतु मांग पूरी न होने से अब ग्रामीणों के हौसले पूरी तरह से टूट चुके हैं और ग्रामीण अब आंदोलन की रहा लेने को विवश है ऐसे शासन प्रशासन किस स्तर पर ग्रामीणों की समस्या का निराकरण करता है यह देखना होगा फिलहाल आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ग्रामीणों द्वारा चुनाव के बहिष्कार किए जाने की बात के साथ-साथ आंदोलन की बात भी कही गई है अब देखना यह है कि क्या 7 दिनों में सड़क निर्माण संबंधी कोई ठोस निर्णय शासन प्रशासन या जनप्रतिनिधियों द्वारा लिया जाता है या फिर ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार करते हैं

