भारत सरकार के सड़क परिवहन और राज मार्ग मंत्रालय द्वारा मोटर वाहन अधिनियम 1988 जिसे मोटर वाहन (संशोधित) अधिनियम 2019 के माध्यम से संशोधित किया है, में हिट एंड रन मोटर दुर्घटनाओं से मृत्यु अथवा गंभीर रूप से घायल हुये व्यक्तियों या आश्रितों को दिये जाने वाले मुआवजे की राशि में वृध्दि की गई है । मंत्रालय के द्वारा मुआवजा राशि प्रदान करने के लिये सोलेशियम योजना 1989 के अंतर्गत हिट एंड रन मोटर दुर्घटनाओं से मृत्यु होने पर वारसान को 2 लाख रूपये और हिट एंड रन मोटर दुर्घटनाओं से गंभीर रूप से घायल होने पर 50 हजार रूपये का प्रावधान किया गया है। हिट एंड रन मोटर दुर्घटनाओं से पीड़ितों की सुविधा व आम जनों के बीच जागरूकता, प्रचार-प्रसार किये जाने और योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाले प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने के लिये कलेक्टर श्री मनोज पुष्प द्वारा जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में कलेक्टर अध्यक्ष रहेंगे तथा सामान्य बीमा परिषद के मनोनीत प्रभारी श्री सुशील गंगरोड़ को सदस्य/सचिव नियुक्त किया गया है। इसके अलावा समिति में अतिरिक्त कलेक्टर, सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार, पुलिस अधीक्षक/उप पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और अशोक लीलैंड ट्रेनिंग सेंटर लिंगा के प्राचार्य श्री आतिश ठाकरे को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
कलेक्टर श्री पुष्प ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत आने वाले प्रकरणों का निराकरण समय सीमा के भीतर किये जाने का प्रावधान किया गया है । दावा प्राप्त होने के एक माह के भीतर दावा जांच अधिकारी को प्रकरण का निराकरण करना होगा । इसके बाद दावा निपटान अधिकारी को दावों को मंजूरी देने और संबंधित मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण व परिवहन आयुक्त को सूचना के साथ सामान्य बीमा परिषद को मंजूरी आदेश भेजने के लिये 15 दिन का समय प्रदान किया गया है । इसके बाद सामान्य बीमा परिषद द्वारा 15 दिवस की अवधि के भीतर दावेदार को मुआवजा की राशि का भुगतान किया जायेगा ।

