गणतंत्र दिवस अधिकारियों के लिए बना बोझ
बैठक का समय परिवर्तित करने के बाद भी देरी से पहुंची एसडीएम
गरिमामय राष्ट्रीय पर्व की बैठक की टूटी गरिमा, बीच बैठक से भागी एसडीएम
आदिवासी महिला जनपद अध्यक्ष का भी किया अपमान, जनप्रतिनिधियों को बैठा छोड़ तुनकमिजाजी का दिया परिचय
एसडीएम मैडम के रवैया पर स्थानीय नेताओं सहित आम जनमानस ने भी लगाए प्रश्न चिन्ह्
जिस संविधान के तहत मिले हैं अधिकार उसी के पर्व पर कन्नी काटते नजर आए सभी विभाग प्रमुख
मनेश साहू संपादक छिंदवाड़ा जुन्नारदेव -
राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को गरिमामय में रूप से मनाने के लिए स्थानीय जनपद पंचायत सभागृह में आज बैठक की गरिमा ही तार-तार हो गई। इस बैठक में जनप्रतिनिधियों के सवाल एसडीएम मैडम को इतनी बुरी तरह चुभ गए कि वह बैठक को बीच में छोड़कर ही खफा होकर घर की ओर निकल गई, जबकि समस्त जनप्रतिनिधियों सहित इस दौरान आदिवासी महिला जनपद अध्यक्ष सविता बोसम का भी अपमान किया गया। दरअसल इस घटना क्रम की पपृष्टभूमि एक दिन पहले ही तैयार हो गई थी कि जब इस बैठक को पूर्व में 11 बजे आहूत किया गया था, लेकिन अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर बैठक को चार बजे तक टाल दिया गया था लेकिन इस आशय की सूचना अधिकारियों के द्वारा विधिवत रुप से जनप्रतिनिधिगणों, पत्रकारगणों, नेताओं व जनसामान्य को नहीं दी गई थी। इसी के चलते जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक व पत्रकारों के बीच भ्रम बना रहा। जिसके कारण वह 11:00 बजे से दोपहर 4:30 बजे तक बैठक के प्रारंभ होने का इंतजार करते रहे लेकिन बैठक 4:35 से शुरु की गई। इस दौरान जनप्रतिनिधियों के द्वारा राष्ट्रीय गरिमा के पर्व की इस बैठक में गंभीरता की कमी व लापरवाही बरतने की बात कहने परएसडीएम मैडम को चुभ गई जिससे वह खफा होकर बैठक को बीच मझधार में छोड़कर घर की ओर रवाना हो गई। इसके बाद बैठक में बवाल हो गया यह जनप्रतिनिधि, राजनेता, पत्रकारों सहित उपस्थित लोगों का सीधा अपमान था। इस बैठक की जानकारी विधिवत रुप से बैठक की मुख्य अथिति जनपद पंचायत अध्यक्ष सविता बोसम को भी नहीं दिया जाना अपने आप में गलत था। इसकी स्वीकारोक्ती करने को कोई तैयार नहीं हो रहा था। राष्ट्रीय महत्व की इस बैठक कोएसडीएम के द्वारा इस तरह छोड़ने पर सभागार में जमकर नाराजगी फैल गई। और सभी ने वहीं पर एसडीएम मैडम के इस व्यवहार की निंदा की।
*अपने ही कार्यालय में बैठक के दौरान नदारत रही सीईओ मैडम....*
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास से मनाए जाने की तैयारी के लिए आहूत इस बैठक में आलाअधिकारीयो की अनुपस्थिति स्थानीय जनों को नागवार गुजरी। हद तो उस दौरान हो हुई गई थी कि जब जनपद पंचायत के सभागार में हो रही इसे अहम बैठक में से इसी कार्यालय की प्रमुख सीईओ रश्मि चौहान नदारद रही । उनकी अनुपस्थिति को लेकर भी जनप्रतिनिधिगण व पत्रकारगण नाराज दिखें। बैठक से एसडीएम के चले जाने के बाद यहां देरी से पहुंची सीईओ रश्मि चौहान पत्रकारों के सवाल का जवाब में सफाई देती नजर आई। इसमें उन्होंने खुद को परासिया का प्रभार की आड़ लेते हुए स्वयं को बचाने की कोशिश की। राष्ट्रीय महत्व की इस बैठक में स्वयं की अनुपस्थिति का बचाव करते हुए इसका दोषारोपण वह एसडीएम और सीएमओ पर करती नजर आई।
* एसडीएम का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से विभागों में समन्वय की स्थिति नहीं, विभाग के आला अधिकारी रहे अनुपस्थित.....*
राष्ट्रीय पर्व की इस बैठक में आज शासन के कई विभागों के आला अधिकारी की अनुपस्थित की जमकर चर्चा रही। दरअसल इस बैठक में समस्त विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति आवश्यक रहती है, लेकिन इसका सीधा उल्लंघन करते हुए बीआरसी, बीएमओ, बीईओ, डीएसपी, टीआई, विद्युत कनिष्ठ अभियंता मध्य प्रदेश विद्युत मंडल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, कृषि विभाग एवं पशु चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी की अनुपस्थिति निंदनीय रही। संविधान के द्वारा अपने अधिकार एवं कर्तव्य का बोध कराने वाले इस गणतंत्र दिवस को मनाने का बोझ इन अधिकारियों पर सीधा दिखता नजर आया कि वह इस अहम मौके पर भी नदारद रहे।
*झंडा वंदन के लिए लड़ते नेताओं की साख लुटती नजर आई....*
इस बैठक के मध्य में नगर के विजय स्तंभ एवं पंडित नेहरू स्टेडियम में परंपरा के अनुसार जनपद पंचायत अध्यक्ष के द्वारा ध्वजारोहण किया जाता रहा है, लेकिन आज की इस बैठक में कुछ पार्षद अपने अध्यक्ष की तरफदारी करते हुए उनसे ध्वजारोहण की मांग रखने लगे। इसको लेकर बैठक में तीखी नोखझोंक भी हुई, लेकिन परंपरा का हवाला देते हुए आखिरकार इस मामले में जनपद अध्यक्ष के ध्वजारोहण पर ही हामी भरी गई। इसमें नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा ध्वजारोहण किए जाने के निवेदन को सिरे से खारिज कर दिया गया।। लेकिन इस बैठक में कुछ ही देर के बाद पासा पलट गया जब इन सभी जनप्रतिनिधियों की साथ एवं सम्मान को धता बताते हुए एसडीएम नेहा सोनी बैठक को बीच में छोड़कर ही चली गई। यहां सत्ताधारी दल के नेताओं और जनप्रतिनिधियों की हुई इस छीछालेदारी के बाद भी भाजपा नेता आपस में ही लड़ते दिखे अपना आत्म सम्मान लुट जाने के बाद भी वह एक दूसरे पर ही दोषारोपण करते दिखे।
*कलेक्टर एवं जिला भाजपा अध्यक्ष को नहीं लगा फोन* इस बैठक में अपना स्वाभिमान एवं साख को खो चुके जनप्रतिनिधि गण एवं सत्ताधारी भाजपा नेताओं के द्वारा जिला कलेक्टर एवं पार्टी अध्यक्ष बंटी साहू से भी संपर्क किए जाने में हीला हवाली बरती गई। दोनों ही इस मामले की जानकारी को एक दूसरे पर फोन करने की टालामटोली करते नजर आए। आखिरकार नगर के संवेदनशील पत्रकारों के द्वारा इस बैठक की गरिमा के तार तार होने की जानकारी फोन पर जिला भाजपा अध्यक्ष एवं जिला कलेक्टर को दी गई है। अब देखना है कि दोषी अधिकारियों पर कब और कितनी बड़ी कार्रवाई होती है यह शोध का विषय रहेगा।

