भारत के यशस्वी प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र और राज्य सरकारें मातृ भाषा में शिक्षा तथा शोधकार्य को प्रोत्साहित कर रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। हालही में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पुस्तकें तथा पाठ्यक्रम हिंदी में लाया गया है। एक ओर जहां हिंदी भाषा को प्रोत्साहित किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर हिंदी भाषा विरोधी कुछ व्यक्ति अपनी औपनिवेशिक मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में दिनांक 15/01/2024 को पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा का परिणाम जारी किया गया है ।भूगोल विषय का पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा परिणाम अत्यंत विसंगति युक्त है।
"एडवांस कोर्स इन रिलेवेंट सब्जेक्ट" के पेपर में जिन शोधार्थियों ने हिन्दी माध्यम/भाषा से पेपर लिखा था, उन सभी 12 छात्रों को न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 30 से कम अंक प्रदान किए गए हैं, जबकि जिन शोधार्थियों ने अंग्रेज़ी भाषा से पेपर लिखा था उन्हें बेहतरीन अंक प्रदान किए गए हैं।
हिन्दी माध्यम से पेपर लिखने वाले इन्हीं शोधार्थियों ने अन्य प्रश्न पत्रों में बहुत अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। कुछ ने तो अंग्रेज़ी माध्यम से पेपर लिखने वाले शोधार्थियों से भी बेहतर अंक प्राप्त किए हैं। किंतु "एडवांस कोर्स इन रिलेवेंट सब्जेक्ट" के पेपर में हिन्दी माध्यम से पेपर लिखने वाले सभी 12 शोधार्थियों के अंक, न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 30 से कम हैं। इन अनुत्तीर्ण किए गए शोधार्थियो में ज्यादातर यूजीसी JRF/नेट/ सेट परीक्षा उत्तीर्ण किए हुए हैं और कुछ तो महाविद्यालयों में कई वर्षों से अध्यापनरत हैं।भारत में हिंदी भाषा से पेपर देना अपराध की श्रेणी में आने लगा है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है, कि हिंदी माध्यम के शोधार्थियों को सुनियोजित तरीके से लेखन भाषा के आधार पर मूल्यांकनकर्ता द्वारा कम अंक प्रदान कर अनुत्तीर्ण किया गया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है, कि हिन्दी माध्यम/भाषा से किए जाने शोधों के प्रति पूर्वाग्रह या विद्वेष की भावना से ग्रसित होकर विषय विशेष ( एडवांस कोर्स इन रिलेवेंट सब्जेक्ट पेपर ) की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन किया गया है।

