जिले में डेयरी व अन्य खाद्य पदार्थो के खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत दर्ज
छिन्दवाड़ा/संपूर्ण प्रदेश में चलाये जा रहे मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत नवागत कलेक्टर श्री शीलेंद्र सिंह द्वारा दिये गये आदेश के परिपालन में उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जी.सी.चौरसिया के निर्देशन में विभागीय जांच दल द्वारा जिले में डेयरी व अन्य खाद्य पदार्थो के खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच की जा
रही है। विभागीय जांच दल द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत दर्ज 9 प्रकरणों में न्याय निर्णायक अधिकारी एवं अतिरिक्त दण्डाधिकारी श्री के.सी.बोपचे 90 हजार रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।
न्याय निर्णायक अधिकारी एवं अतिरिक्त दण्डाधिकारी श्री बोपचे ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के विभागीय जांच दल द्वारा गोकुल डेयरी खापाभाट का निरीक्षण कर जांच के लिये दूध, मावा, पनीर, घी व पेड़ा के नमूने और देव डेयरी जामुनझिरी से दूध व पनीर के 7 नमूने संग्रहित किये गये और इन नमूनों को राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर अग्रिम कार्रवाई की जायेगी। इस जांच दल में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री रूपराम सनोडिया, खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री पंकज कुमार घाघरे और भृत्य श्री राजकुमार सम्मिलित थे। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों में सीताराम अग्रवाल प्रतिष्ठान अग्रवाल ट्रेडर्स परासिया को बिना खाद्य पंजीयन खाद्य साम्रगी का विक्रय करने, पाठे डेयरी बिछुआ को अवमानक दूध विक्रय करने, तेजस डेयरी छिंदवाड़ा को अवमानक पनीर विक्रय
करने, उबैद ट्रेडर्स छिंदवाड़ा को अवमानक एवं मिथ्या छाप सोयाबीन तेल विक्रय करने, कृपाराम चंद्रवंशी द्वारा बिना पंजीयन के अवमानक दूध विक्रय करने, राकेश सूर्यवंशी द्वारा बिना पंजीयन के अवमानक दूध विक्रय करने और रजत साहू जय श्री महाकाल ट्रेडर्स चांद को अवसान दिनांक के बाद खाद्य विक्रय करने पर 5-5 हजार रूपये, गोयल मार्केटिंग छिंदवाड़ा को मिथ्याछाप सोयाबीन तेल विक्रय करने पर 10 हजार रूपये तथा विशाल मेगा मार्ट छिंदवाड़ा को अवमानक चांवल विक्रय करने पर 45 हजार रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया गया है। अध्यारोपित शास्ति आरोपियों द्वारा न्यायालय में चालान द्वारा जमा की जायेगी तथा जमा नहीं करने पर भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जायेगी ।

