नर जैसी करनी करें तो नारायण बने - राज योगिनी वर्षा दीदी
जुन्नारदेव - आज हर मन में शैतान बसा हुआ है हम नर जैसी करनी करें तो नारायण बन सकते हैं। कण-कण में रावण है भगवान कहीं नहीं है। सतयुग को लाने के लिए संस्कारों का परिवर्तन करना होगा। संस्कार ही नर को नारायण में बदल सकते हैं उक्त आशय के उद्गार नगर के वार्ड क्रमांक 3 विवेकानंद कॉलोनी में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम संस्थान में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के पांचवें दिन राज योगिनी वर्षा दीदी द्वारा व्यक्त किए गए। उन्होंने संसार में संस्कार संस्कृति को महान बनाने की बात कही सामाजिक बुराइयों को त्याग कर एक श्रेष्ठ समाज बनाने का आह्वान किया उन्होंने पूण्य अर्जित कर पाप को पूरी तरह समाप्त करने पर जोर देने की बात कही। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन चरित्र से सीख लेने की बात कहते हुए कहा कि जिस तरह विवेकानंद जी ने अपने आप को समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया था और देश को सर्वोपरि रखकर भारतीय संस्कृति और ज्ञान का परचम लहराया था उसी प्रकार आज भी मानव समाज में विवेकानंद की आवश्यकता है आज का मानव अपने अध्यात्म ज्ञान और संस्कृति के बल पर विवेकानंद जी जैसे आदर्श स्थापित कर सकता है। आज घर-घर में महाभारत है छन छन में दुख तनाव है आज हम किस दिशा में भाग रहे हैं चक्र चांद की दुनिया में दौड़ते भागते हम अपने आप को ही भूल रहे हैं और दुख तनाव भरा जीवन जी रहे हैं सतयुग में देवी देवता 16 कला संपूर्ण होते थे किंतु आज मानव पूरी तरह कलयुग में खो गया है जहां देखो वहां बुरी दृष्टि कामवासना और अत्याचार बसा हुआ है उन्होंने अपने आप को अध्यात्म से जोड़ने पर विशेष जोर दिया और मानव समाज से दुख तनाव भरे जीवन से मुक्ति पाने की बात कही।
भागवत कथा समापन अवसर पर पूजन आरती और प्रसाद वितरण किया गया। छठवें दिन शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्म की कथा एवं झांकी का प्रदर्शन किया जाएगा जुन्नारदेव ब्रह्माकुमारी संस्थान की संचालिका रजनी दीदी ने जुन्नारदेव नगर की धर्म प्रेमी जनता से इस पुनीत कार्य में सहयोग देकर अपनी उपस्थिति देने की अपील की है।

