किसी और का टेंडर किसी और को दे दिया
छिंदवाड़ा जिले के आरईएस विभाग के कार्यपालन यंत्री साहब पूरे विभाग को अपनी जागीर समझ कर चलाते है.
इनके अधीनस्थ बाबू उनके भी एक कदम ऊपर है. खबर है कि विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत परासिया विकासखण्ड की ग्राम पँचायत लिखावाड़ी की एक सुदूर सड़क का टेंडर एक व्यक्ति की फर्म के नाम पर खुला जिसकी सूचना कार्यालय के बाबू और ईई साहब द्वारा उस व्यक्ति को देकर सप्लाई देने कहा गया. और जल्द ही सप्लाई आर्डर देने की बात कही गई. और टेंडर में हेराफेरी कर एक नेता के दबाव में आकर सप्लाई आर्डर उनके पसंदीदा आदमी का जारी कर दिया गया. जिसको लेकर व्यक्ति द्वारा कार्यालय में पूछताछ की गई और साहब अपनी आदतानुसार बातो को गोलमोल करते रहे. जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर को भी इस विषय मे शिकायत की गई एवं टेंडर निरस्त करने की मांग की गई. कार्यपालन यंत्री साहब द्वारा ऐसे कई कारनामे उनके कार्यकाल में किये जा चुके है.
नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया में टेंडर डालने वाले व्यक्ति को टेंडर खोलते समय कार्यालय में उनके सामने टेंडर खोला जाता है.
उसके बाद हुए एक टेंडर जो कि परासिया विकासखण्ड की ही एक दूसरी सुदूर सड़क का है और अभी अभी खोला गया है उसमें इस नियम का पालन किया गया लेकिन उपरोक्त टेंडर में सम्बंधित व्यक्ति को फायदा पहुचाने के लिए नियम का पालन नही किया गया. इससे साफ पता चलता है कि ईई साहब का उस टेंडर में पर्सनल इंटरेस्ट होने पर हेराफेरी कर ली गई.
इतनी शिकायत होने पर भी जिला प्रशासन द्वारा ऐसे व्यक्ति के ऊपर कार्यवाही न होना कई सवालों को जन्म देता है.
खबर तो यह भी है कि जिला पँचायत के कई जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से भोपाल में इन अधिकारी महोदय की शिकायत पूरे सबूत के साथ दी गई है. जिसकी जांच जल्द होना सम्भावित है. बताया जा रहा है कि अगर वह जांच हुई तो इन साहब के साथ साथ 3 उपयंत्री , एक कार्यालय के इनके चहेते बाबू और कुछ चहेते ठेकेदार की पोल खुलना तय है. इस जांच से इन साहब का अभी अभी हुआ प्रोमोशन भी खतरे में पड़ सकता है.

