संबंध में अभ्यर्थियों की बैठक सह प्रशिक्षण आयोजित
छिंदवाड़ा/ 31 मार्च 2024/ लोकसभा निर्वाचन 2024 के परिप्रेक्ष्य में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त निर्वाचन व्यय प्रेक्षक श्री भारत रामचंद्र अंधेले ( आई.आर.एस.) और श्री विजेश कुमार टी.जी. (आई.आर.एस.) की उपस्थिति में निर्वाचन व्यय के संबंध में सभी अभ्यर्थियों की बैठक सह प्रशिक्षण आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। इसमें अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री के.सी. बोपचे, एसडीएम छिंदवाड़ा श्री सुधीर जैन, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती ज्योति ठाकुर, जिला कोषालय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी निर्वाचन व्यय लेखा श्री गौरीश बारमाटे, नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर डॉ.पी.एन.सनेसर, स्टेट लेवल मास्टर ट्रेनर श्री राजेंद्र सिंह ठाकुर, लोकसभा निर्वाचन 2024 के अंतर्गत संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडने वाले अभ्यर्थी/निर्वाचन अभिकर्ता उपस्थित थे।
बैठक में भारत निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षक श्री अंधेले ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शिता बनाये रखकर सभी प्रत्याशियों को (लेवल प्लेइंग फील्ड) समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय की सीमा निश्चित कर व्यय की निगरानी रखने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। निर्वाचन व्यय को मूलतः दो श्रेणियां में रखा जाता है - पहला निर्वाचन व्यय जो कि निर्वाचन प्रचार के कानून के अंतर्गत मान्य है, बशर्ते यह व्यय सीमा के अंतर्गत हो जैसे जनसभा, पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन संबंधी मदों में शामिल व्यय और दूसरा वे व्यय जिनको विधि के अधीन अनुमति प्राप्त नहीं होती है, जैसे निर्वाचकों को प्रभावित करने के उद्देश्य से उनके बीच शराब, रुपए, अन्य वस्तुओं का वितरण आदि, प्रतिनियुक्त विज्ञापन/पैड न्यूज शामिल है। उन्होंने अभ्यर्थियों द्वारा निर्वाचन व्यय लेखा के रख-रखाव की प्रक्रिया बताते हुए निर्वाचन व्यय के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की और गलतियां करने से बचने का सुझाव दिया। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों/निर्वाचन अभिकर्ता से अपने संपर्क नंबर और मिलने के लिए आरक्षित समय की जानकारी साझा करते हुए कहा कि कोई भी कन्फ्यूजन हो या कोई कंप्लेन हो तो हमें, हमारे निगरानी दलों या 1950 पर तत्काल संपर्क करें। आपकी हर बात सुनी जाएगी और उसका यथाशीघ्र निराकरण कराया जायेगा। फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में प्रातः 9.30 से 10.30 बजे तक स्वयं भी आकर किसी गाइडेंस अथवा सुझाव के लिए मुलाकात कर सकते हैं। आप सभी भी निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन संपन्न कराने में हमारा और हमारी निगरानी टीमों का पूरा सहयोग करें। जहां तक संभव हो छोटे से छोटे खर्चे भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से भुगतान करें, जिससे उनके रिकॉर्ड्स समुचित ढंग से संधारित किए जा सकें।
निर्वाचन व्यय लेखा संबंधी कानूनी प्रावधान- कानूनी प्रावधानों की जानकारी देते हुए व्यय प्रेक्षक ने बताया कि आर.पी.एक्ट के अंतर्गत अभ्यर्थी के नाम निर्देशन की तारीख से परिणाम की घोषणा दिनांक तक (दोनों तिथियों को सम्मिलित करते हुए) का निर्वाचन व्यय का सही-सही ब्यौरा पृथक से रखना है। विहित रीति एवं निर्धारित समय सीमा में लेखा दाखिल करने में विफलता पर आयोग संबंधित अभ्यर्थी को निरर्हित घोषित कर सकता है। लोकसभा निर्वाचन के लिए व्यय की अधिकतम सीमा 95 लाख रखी गई है। निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचनों के परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अंदर जिला निर्वाचन अधिकारी को व्यय लेखा दाखिल करना अनिवार्य है। लेखा अनुरक्षण में विफलता निर्वाचन अपराध माना गया है।
प्रचार अवधि में तीन बार दिखाना होगा निर्वाचन व्यय लेखा-अभ्यर्थी को अपने व्यय लेखा का दैनिक आधार पर संधारण करना होगा। संपूर्ण प्रचार अवधि में अभ्यर्थी द्वारा अपने व्यय लेखा को व्यय प्रेक्षक के समक्ष तीन बार निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। पहली बार 5 अप्रैल 2024 को, दूसरी बार 11 अप्रैल 2024 को और तीसरी बार 16 अप्रैल 2024 को व्यय लेखा का निरीक्षण जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित स्थल पर प्रातः 10 से शाम 5 बजे के मध्य करवाना अनिवार्य होगा।
समस्त वाहनों की अनुमतियां मतदान समाप्ति के समय से पूर्व पड़ने वाली 48 घंटे की अवधि प्रारंभ होने के साथ निरस्त हो जायेगी। यदि अभ्यर्थी या उसका निर्वाचन अभिकर्ता मतदान दिवस पर निर्वाचन क्षेत्र में नहीं है, तो इन वाहनों का उपयोग अन्य व्यक्ति नहीं कर सकेंगे। इन वाहनों में ड्राइवर सहित 5 व्यक्ति से अधिक यात्रा नहीं कर सकेंगे। यदि अभ्यर्थी निर्धारित तिथि या नोटिस उपरांत भी अपने लेखे का निरीक्षण करवाने में विफल रहता है तो उसके समस्त वाहनों की अनुमतियां वापस ले ली जाएगी और उन्हें प्रचार अभियान से बाहर किया जाएगा। 48 घंटे की अवधि प्रारंभ होते ही बाहरी व्यक्ति जो उस क्षेत्र के निर्वाचक नहीं हैं, उन्हें क्षेत्र को छोड़ना होगा। यदि किसी सभा, रैली, जुलूस में स्टार प्रचारक सम्मिलित होता है और इस दौरान कोई अभ्यर्थी उपस्थित है या उसके फोटो लगे हैं या उनके लिए मत मांगता है तो सम्पूर्ण सभा, रैली खर्च अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जाएगा। छाछ, पानी का परोसना या टोपी, मास्क, स्कार्फ का वितरण रिश्वत के अंदर परिभाषित नहीं है, परंतु इन पर उपगत व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा

