• कमलनाथ एवं नकुलनाथ के निर्देश पर 3 विधायक, जिला काँग्रेस अध्यक्ष एवं पार्टी पदाधिकारी पहुँचे घटना स्थल
• परिजनों एवं ग्रामीणों से मिलकर प्रतिनिधि मंडल ने शासन प्रशासन की असंवेदनशीलता पर व्यक्त की नाराजगी
तामिया / जुन्नारदेव :- मंगलवार एवं बुधवार की दरमियानी मध्यरात्रि को छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव विधानसभा के तामिया ब्लॉक की नरसिंहपुर जिले की गाडरवाड़ा तहसील की सीमा से सटे ग्राम बोदल कछार में एक हृदय विदारक घटना घटी जिसमे एक नवविवाहित आदिवासी युवक ने अपनी पत्नी, माँ, बहन, भाई, भाभी, भतीजे एवं भतीजी सहित अपने ही परिवार के 8 लोगों की कुल्हाड़ी से हत्या कर स्वयं को भी फाँसी के फंदे में लटकाकर अपने पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया। बीती 21 मई को ही युवक का विवाह हुआ था। घटना जिला मुख्यालय से लगभग 115 किलो मीटर दूर मध्यरात्रि को 1 से 2 बजे के बीच सीमावर्ती ग्राम में घटित होने के कारण प्रशासन को तो रात्रि में ही सूचना मिल गई थी किन्तु आम लोगों एवं जनप्रतिनिधियों तक यह खबर सोशल मीडिया के माध्यम से थोड़ी देर से पहुँची। इसके बाद खबर जिले सहित पूरे देश प्रदेश में बड़ी तेजी से फैल गई। घटना की जानकारी कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्रीय विधायक सुनील उईके को भी दी गई जो कि कुछ प्रशासनिक कार्यों से भोपाल प्रवास पर थे। विधायक श्री उईके के द्वारा घटना की जानकारी तत्काल ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सांसद नकुलनाथ को देने के पश्चात जिला कलेक्टर, एस. पी. एवं एस डी एम से दूरभाष पर चर्चा कर मामले में गंभीरता बरतने की बात की गई। विधायक तुरंत ही भोपाल से बोदल कछार के लिए रवाना हो गए। इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सांसद नकुलनाथ ने जिला काँग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, परासिया विधायक सोहन वस्ल्मीकि एवं पांढुर्ना विधायक नीलेश उईके को घटना स्थल पर पहुँचने के निर्देश दिए। तीनो विधायक, जिला अध्यक्ष एवं उनके साथ पहुँचे प्रतिनिधि मंडल ने सबसे पहले परिवार की विवाहित दो बहनों, मृतकों के रिश्तेदारों एवं ग्रामवासियों से मुलाकात कर इस हृदय विदारक घटना पर शोक संवेदना प्रकट की एवं आदिवासी परिवार का अंतिम संस्कार होने तक वही रुककर परिजनों एवं ग्रामवासियों को ढांढस बंधाया।
काँग्रेस प्रतिनिधि मंडल की ग्रामीणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा में शासन प्रशासन की असंवेदनशीलता की बातें सुनकर तीनों विधायक एवं जिला काँग्रेस अध्यक्ष सहित पार्टी पदाधिकारियों ने शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आदिवासियों के कल्याण एवं मान सम्मान का ढिंढोरा पीटने वाली मध्यप्रदेश सरकार के पास आदिवासियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के लिए एक शव वाहन भी उपलब्ध नही था। प्रशासन द्वारा बोदल कछार से शवों को ट्रैक्टर द्वारा 40 किलोमीटर दूर देलाखारी पोस्टमार्टम के लिए पहुँचाया जा रहा था जिसका विरोध कर ग्रामीणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने स्वयं एक पिकअप वाहन की व्यवस्था की। प्रशासन के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सांसद नकुलनाथ को दी जाएगी।
स्थानीय विधायक सुनील उईके ने कहा कि मैंने एवं ग्रामीणों ने प्रशासन से ग्राम में ही पोस्टमार्टम कराने की बात कही थी किन्तु प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान न देते हुए लापरवाही बरती है। हम जल्द ही शासन एवं प्रशासन के आदिवासी समाज के प्रति इस गैर जिम्मेदार रवैये के खिलाफ आवाज उठाएंगे। अतिंम संस्कार के बाद आदिवासी समाज के रीति रिवाज के अनुसार ही आगे के क्रियाकर्म करने हेतु परिजनों को आर्थिक मदद करते हुए घटना में बुरी तरह घायल एक बालक के उपचार में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया गया।
प्रतिनिधि मंडल में जिला कांग्रेस छिंदवाड़ा के अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, परासिया विधायक सोहन वाल्मीकि, जुन्नारदेव विधायक सुनील उईके, पांढुर्ना विधायक नीलेश उईके, जमील खान, मनमोहन साहू, घनश्याम तिवारी, अशोक राय, उमरावशा उईके, सुधीर लदरे, अरुण साहू, सुबोध राय, अंकित राय सहित क्षेत्रीय कांग्रेसजन शामिल थे।

