छिन्दवाड़ा/ 11 जून 2024/ कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में गत दिवस कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बाढ़ आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारियों के संबंध में बैठक संपन्न हुई । बैठक में बाढ़ आपदा संवेदनशील क्षेत्रों का आंकलन करते हुए वर्षाकाल के दौरान बाढ़ आपदा के नियंत्रण के संबंध में चर्चा की गई, पिछले वर्षों के अनुभव साझा हुए और प्रभावी नियंत्रण के संबंध में विभिन्न सुझाव लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये । बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री पार्थ जैसवाल, अतिरिक्त कलेक्टर श्री के.सी.बोपचे, एसडीएम छिंदवाड़ा श्री सुधीर जैन, डिप्टी कलेक्टर श्री आर.के.मेहरा, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड श्री एस.आर.आजमी, आयुक्त नगरपालिक निगम श्री सी.पी.राय व अधीक्षक भू-अभिलेख सहित अन्य सभी संबंधित विभागों के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे, जबकि अन्य सभी एसडीएम, तहसीलदार, सीईओ जनपद पंचायत, सीएमओ आदि वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुये।
अति वर्षा से गत वर्ष हुई क्षति- बैठक में बताया गया कि जिले की सामान्य औसत वर्षा 1059 मि.मी. है। जिले में वर्ष 2023 में 1197.8 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई थी, जो जिले की सामान्य औसत वर्षा से 13 प्रतिशत अधिक थी। बाढ़/अतिवृष्टि से 23 जनहानि एवं आकाशीय बिजली गिरने से 06 जनहानि हुई थी। अतिवर्षा से 62 पशुहानि हुई थी।
आपदा संवेदनशील क्षेत्रों का आंकलन- बैठक में बताया गया कि जिले में 101 ग्राम व 04 शहरी क्षेत्रों को बाढ़ उन्मुख चिन्हित किया गया है। इन 101 ग्रामों में कुलबेहरा नदी के किनारे होने के कारण तहसील छिंदवाड़ा के 12 व तहसील मोहखेड़ के 7 गांव, पेंच नदी के किनारे होने के कारण तहसील छिंदवाड़ा के 2, परासिया के 16, जुन्नारदेव के 03 व अमरवाड़ा के 05 गांव, कोंडली नदी के किनारे होने के कारण तहसील जुन्नारदेव के 10 गांव, बेल नदी के किनारे होने के कारण तहसील जुन्नारदेव के 03 व तहसील मोहखेड़ का 01 गांव, टीटोरिया नदी के किनारे होने के कारण तहसील तामिया के 04 गांव, माचागोरा बांध के डाउन स्ट्रीम के किनारे होने के कारण तहसील चौरई के 09 व चांद के 26 गांव, कन्हान नदी के किनारे होने के कारण तहसील मोहखेड़ का 01 गांव और हर्द नदी के किनारे होने के कारण तहसील हर्रई के 02 गांव शामिल हैं। इसी तरह 04 शहरी क्षेत्रों में कुलबेहरा नदी के किनारे होने के कारण नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा के सर्रा व इमलीखेड़ा, पेंच नदी के किनारे होने के कारण नगर परिषद न्यूटन और नगर पालिका जुन्नारदेव के वार्ड क्रमांक 01 से 18 तक शामिल हैं, ये शहरी क्षेत्र सामान्य जोखिम स्केल में शामिल किए गए हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने इन सभी स्थानों पर आवश्यक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि जिले में बड़े बांध माचागोरा (चौरई), कन्हरगांव (बिछुआ) और तोतलाडोह (आंशिक भाग बिछुआ) हैं । बाढ़ के इतिहास एवं वर्तमान स्थितियों के दृष्टिगत बाढ़ आपदा नियंत्रण के लिये संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया कि इस दिशा में समय के पूर्व सक्रियता से कार्य करें ताकि किसी प्रकार की अवांछित परिस्थितियां उत्पन्न नहीं हो । अत्यधिक वर्षा और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना बाढ़ के प्रमुख कारणों में से है । इस संबंध में निर्देश दिये गये कि ऐसी नदियां जिनमें जल स्तर बढ़ने पर बाढ़ आती है या बाढ़ की संभावना रहती है, तो इसकी पूर्व से ही चेतावनी जारी करने के साथ ही खतरे के जल स्तर का चिन्हांकन कर बाढ़ आपदा नियंत्रण में लगे कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें। साथ ही बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष तैयार करने, प्राकृतिक जलाशय एवं जल निकास के लिये नालियों की बारिश पूर्व सफाई, जलाशयों के किनारे अतिक्रमण हटाने, तटबंधों का सुदृढ़ीकरण करने, बाढ़ की पूर्व सूचना की व्यवस्था करने और आपातकालीन कार्यवाही के लिये आवश्यक सेवाओं के रख-रखाव, समन्वय, आवश्यक वस्तुओं का भंडारण, दवाई व चिकित्सक दल, पशु चिकित्सा सेवायें, स्वास्थ्य व स्वच्छता, पेयजल, अस्थायी शिविर, अतिरिक्त खाद्यान्न की व्यवस्था आदि पर चर्चा की गई और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे संवेदनशीलता के साथ इस दिशा में कार्य करें।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण संबंधी तैयारियों के साथ ही जनजागृति अभियान चलाकर लोगों को बाढ़ से बचने की जानकारी दें । सभी महत्वपूर्ण दूरभाष नंबर व मोबाईल नंबर की जानकारी जिला आपदा नियंत्रण केन्द्र के साथ साझा करें । जिले में बाढ़ की पूर्व सूचना एवं प्रचार-प्रसार की सुव्यवस्थित प्रणाली बनाकर उसे सुदृढ़ कर लें। उन्होंने सभी एसडीएम को अनुभाग स्तरीय बाढ़ आपदा प्रबंधन की बैठक आयोजित करने, वर्षा पूर्व बाढ़ प्रभावित स्थानों का सभी संबंधित विभागों के मैदानी अमले के साथ संयुक्त भ्रमण करने और हर एक प्रभावित गांव एवं शहरी क्षेत्र का बाढ़ आपदा प्रबंधन प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए । उन्होंने निर्देश दिए कि बांध से पानी छोड़ने की सूचना त्वरित गति से साझा करने की व्यवस्था रहे। बारिश के पूर्व सभी सड़कों की आवश्यक मरम्मत, निर्माणाधीन सड़कों का समुचित डायवर्सन, समुचित चेतावनी बोर्ड्स, बाढ़ प्रभावित पुल-पुलिया पर बैरिकेडिंग, बाढ़ संभावित ग्रामों और पहुंच विहीन ग्रामों में अग्रिम राशन, जर्जर भवनों का चिन्हांकन, नाला-नालियों की सफाई, जन एवं पशु दोनों के दृष्टिगत दवाइयों का भंडारण एवं उपलब्धता, चिकित्सक दल का गठन, पशुओं का टीकाकरण, चारा-भूसे की पर्याप्त उपलब्धता, क्लोरिनेशन, रेस्क्यू स्थल मैपिंग, बाढ़ बचाव सामग्री एवं आवश्यक उपकरणों, तैराकों की व्यवस्था, प्राइवेट रिसोर्स मैपिंग आदि सुनिश्चित कराएं। बैठक में कमाण्डेंट होमगार्ड को बाढ़ आपदा से बचाव के लिये मोटरबोट, रस्सी, टार्च आदि आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कर होमगार्ड के जवानों को तैयार रखने के निर्देश दिये गये। साथ ही जलाशयों से जल छोड़ने के पूर्व इस आशय का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराने और बाढ़ आपदा के नियंत्रण के लिये जिला, तहसील व ग्राम स्तर पर निगरानी टीम को सक्रिय कर प्रभावित स्थलों पर साईनेज लगाने के निर्देश भी दिये गये।
कंट्रोल रूम स्थापित- जिले में जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कलेक्टर कार्यालय परिसर में भू-प्रबंधन शाखा कक्ष क्रमांक 59 में की गई है। जिसमें बाढ़ एवं वर्षा की स्थिति की जानकारी के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। 15 जून से 31 अक्टूबर 2024 तक बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय रहेगा। वर्षा एवं क्षति की जानकारी प्रतिदिन डी.डब्ल्यू,आर.एस. पोर्टल पर भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा 01 जून से दर्ज की जा रही है। जिला कंट्रोल रूम का प्रभारी अधिकारी प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख श्री पुष्पेंद्र पांडेय को बनाया गया है। जिला कंट्रोल रूम का फोन नंबर 07162-243423 व मोबाईल नंबर 9329305801 है । इसी प्रकार तहसील स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाये गये हैं।

