बारिश के पहले नाली सफाई का किया था काम
मोहखेड़
जनपद पंचायत मोहखेड़ की नजदीकी पंचायत महलपुर जो कि जनपद के आला अधिकारियों की आंखों से ओझल है इस पंचायत के हाल बेहाल है ना सरपंच सक्रिय है ना सचिव अब इस स्थिति में महलपुर पंचायत के आश्रित ग्राम सोहागपुर में पिछले 10 दिन पूर्व मजदूरों से नाली सफाई का काम करवाया गया था जिसका भुगतान आज तक नही हुआ है जबकि मजदूरों के बिल सरपंच दीपिका पाठे की टेबल पर रखे है लेकिन हर काम मे अपना कमीशन तलाशने,मांगने की आदत के कारण गरीब मजदूरों के काम का दाम अभी तक नही मिल पाया है जानकारी के लिए बताते चले के पूर्व में भी कई खबरे महलपुर पंचायत के सरपंच की तानाशाही को लेकर प्रकाशित की गई थी जिसमे हर काम मे सरपंच अपना कमीशन ना मिल पाने के कारण मटेरियल के बिलो को 6-6 माह तक लटकाया गया जब शिकवा शिकायत की गई तब जाकर बिलो पर साइन हुई और बिल लगाए गए अब सोहागपुर के मजदूरों के साथ भी यही हो रहा है जबकि महात्मा गांधी ने कहा था के मजदूरों का पसीना सूखने से पहले मजदूरी मिल जाना चाहिए लेकिन महलपुर पंचायत के सरपंच/सचिव जबतक बिलो को ना लटकाए भटकाये इनको चैन नही आता वही जनपद पंचायत के आला अधिकारी इन सब खबरों को पढ़ते तो है पर अपनी प्रतिक्रिया नही दे पाते है।
इसके पूर्व में भी जनपद में जांच के लिए आवेदन दिया गया था लेकिन आज तक उस जांच की जानकारी आवेदक को नही दी गई है बाकायदा जांच करने टीम तो आई पर जिनके खिलाफ जांच थी उसी से प्रतिवेदन बनवा कर चले गए कुछ दिनों पूर्व बहारी ठेकेदार के द्वारा जनपद निधि से प्राप्त राशि से 126 मीटर नाली निर्माण कार्य किया गया था जबकि
*नाली निर्माण कार्य एजेंशी सरपंच ग्राम पंचायत महलपुर होने के बाद भी मोटी कमीशन लेकर सरपंच और जनपद सदस्य ने बाहर के ठेकेदार को यह काम दिया गया नाली बनकर कंप्लीट भी हो गई लेकिन पूरी तरह से गुणवत्ताहीन, और निर्धारित मापदंड के अनुसार यह नाली नही बनाई गई है इसमे भी कमीशन का खेल जमकर चला है बाकायदा इसकी जांच आवेदक को दिखाने के लिए की गया लेकिन जब कमीशन का खेल चल ही रहा है महलपुर पंचायत में तो थोड़ा बहुत जांच टीम को भी छिटक दिया गया होगा जिससे पूरी जांच कचरे के डिब्बे में समा गई और आज तक किसी प्रकार से सरपंच/सचिव पर कोई कार्यवाही नही हो पाई जबकि पंचायत में ठेकेदार से काम करवाने का कोई प्रावधान नहीं है बावजूद इसके सरपंच ने ठेकेदार से काम करवाया और पेमेंट भी किया वही आज सोहागपुर के मजदूर नाली साफ करने के बाद भी अपने मेहनताना के लिए भटक रहे है।

