जुन्नारदेव / जुन्नारदेव विकासखंड अंतर्गत वार्ड क्रमांक 18 सुकरी में श्रीमद् भागवत कथा का मंगलवार को समापन किया गया। इस दौरान गौ माता दिवस पर मंगलवार को पंडित विपिन शास्त्री द्वारा कथा में कहा गया की हमें गौ माता की सेवा करना चाहिए, आज के दौर में गायों को पालने, खिलाने पिलाने की परंपरा में लगातार कमी आ रही है। कभी हमारा देश पशुपालन में अग्रणी रहा है, देशवासियों की काफी जरूरत को यही गौ धन पूरा किया करता था। गायों से बछड़ा, बछड़े से बैल, बैल से खेती की ज़रूरतें पूरी होती थी। कृषि के लिए गाय का गोबर आज भी वरदान माना गया है, फिर भी गोपालन को संरक्षण आदि महत्वपूर्ण क्यों नहीं है, यह एक विचारणीय प्रश्न है। गाय को गौ माता के रूप में मनाना भी अत्यंत वैज्ञानिक है। मां के दूध के साथ सबसे पौष्टिक आहार देशी गाय का दूध भी है इससे इसमें जीवन के लिए उपयोग ऐसी संजीवनी तत्व है कि इसका सेवन सभी विकारों को दूर रखता है, जिस प्रकार मां जीवन देती है उसी प्रकार गौ माता पूरे समाज को पोषण करने का समर्थ रखती है। इसमें माता के समान ही संस्कार देने की भी क्षमता है देशज वंश की गाय स्नेह के प्रति मूर्ति होती है, जिस प्रकार अपने बछड़े अर्थात बच्चे को स्नेह देती है वहीं भाव वह मानव जाति के लिए भी रखती है इसी को वात्सल्य कहा गया है। कथा समापन अवसर पर पूजन अर्चन के साथ-साथ हवन का आयोजन किया गया जिसमें यज्ञ की अग्नि में सभी ने पूर्णाहुति छोड़ी।
एक दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का हुआ समापन
September 04, 2024
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