क्या किसी राजनितिक दबाव के चलते ऐसा हो रहा है?
न्याय के लिए सीएम हेल्पलाईन में लगाई गुहार |
पांढुरना | किसी भी घटना की पुलिस में शिकायत करने पर पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज कर उसे न्याय दिलाने का पुलिस द्वारा खूब ढिंढोरा पीटा जाता है, लेकिन इसके विपरीत बीते एक माह से नगर के तिलक वार्ड की एक युवती रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस थाने के चक्कर लगाते हुए परेशान होने के बाद भी इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर पीड़िता द्वारा न्याय के लिए सीएम हेल्पलाइन में गुहार लगाने पर अब शिकायत को वापस लेने के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा पीड़िता को धमकाया जा रहा है।
महिला की सुरक्षा की क्या केवल बात की जाती है ?
एक और तो शासन द्वारा विशेषकर महिलाओं की रिपोर्ट प्राथमिकता के आधार पर दर्ज कराते हुए त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। लेकिन शायद - पांढुरना पुलिस पर शासन के इन आदेशों का भी कोई असर होता नहीं दिखाई दे रहा है। नगर के तिलक वार्ड निवासी शितल पति अश्विन सावरकर 23 द्वारा बताया कि उसने पांढुरना एसपी, थाना प्रभारी को अपनी हस्ताक्षरयुक्त शिकायत में बताया कि इसका विवाह 7 दिसंबर 2023 को सामाजिक रिती रिवाजों से नागपुर निवासी अश्विन पिता राधेश्याम सावरकर से हुआ था ।
दहेज़ के रूप मे 2लाख रूपए मांगता था पति |
श्रीमती शितल सावरकर द्वारा अपनी शिकायत में बताया कि विवाह के बाद से ही इसका पति अश्विन शितल को इसके पिता विष्णु कामड़े से दहेज के रूप में दो लाख रूपए लाने के शारीरिक तथा मानसिक रूप से हमेशा प्रताड़ित करता रहा, शीतल ने इसके पति को बताया कि इसके पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर है इसलिए वह इसके पिता से दो लाख रूपए नहीं ला सकती। इस बात से नाराज अश्विन अक्सर शितल के साथ बड़े ही बेरहमी से मारपीट करता था|
महिला के शरीर पर आज भी है, चोट के निशान |
लेकिन अपना वैवाहिक जीवन बचाने के लिए अश्विन द्वारा दी जाने वाली शारीरिक तथा मानसिक प्रताडनाओं के बाद भी शीतल किसी तरह जीवन बीता रहीं थी। लेकिन बीते 28 जुलाई 2024 की रात को फिर से अश्विन द्वारा शितल को उसके पिता से दो लाख रूपए लाने की बात को लेकर विवाद करते हुए बड़े ही बेरहमी से मारपीट की गई। जिसके चोट के निशान आज भी शितल के शरीर पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे है।
पिता को फ़ोन किया तो तोड़ दिया मोबाइल |
शितल ने अपनी शिकायत में बताया कि 28 जुलाई की रात को इसके पति द्वारा बड़े ही बेरहमी से कि गई मारपीट वह बहुत अधिक भयभीत रहीं इस बात की सूचना उसने अपने मोबाइल से 29 जुलाई की सुबह 5-30 बजे अपने पिता विष्ण कामड़े को पूरी घटना बताई । फोन पर यह बात इसके पिता को बताने की बात से नाराज होकर अश्विन सावरकर ने फिर 29 जुलाई की सुबह भी शीतल के साथ बड़े ही बेरहमी से मारपीट करते हुए इससे मोबाईल छीनकर तोड़ दिया ।
कार्यवाही करने की बात कहते हुए वापस लौटा दिया।
शीतल के पिता विष्णु कामड़े तथा परिवार के अन्य सदस्यों ने नागपुर पहुंचकर शीतल के शरीर पर मारपीट के गंभीर निशान देखने के बाद इसे अपने साथ पांढुरना ले आए और उसी दिन 29 जुलाई को पांढुरना पुलिस थाने में इसकी सूचना देने पर इस समय तो पुलिस ने शितल सावरकर को अपने साथ पांढुरना के शासकीय चिकित्सालय ले गए, जहां चिकित्सकों से मेडिकल जांच के बाद अश्विन सावरकर के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही करने की बात कहते हुए उसे लौटा दिया।
एक माह बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही
लेकिन इस घटना को एक माह का लंबा समय बीतने के बाद भी पांढुरना पुलिस द्वारा अश्विन सावरकर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने से आहत शीतल ने 2 अगस्त 2024 को पांढुरना जिला पुलिस अधीक्षक को हस्ताक्षरयुक्त शिकायत सौंपी साथ ही सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत करते हुए न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
विशेष :- हालांकि पांढुर्ना पुलिस हमेशा निष्पक्ष रूप त्वरित कार्यवाही करने हेतु जानी जाती है,परन्तु ऐसा मामला संज्ञान मे आना थोड़ा अचंभित जरूर करता,शिकायत सही है या गलत ये तो आदरणीय न्यायलय तय करेंगे,परन्तु बड़े बुजुर्ग कहते है की न्यायलय का राश्ता तो थाने से ही होकर गुजरता है |

