छिंदवाड़ा, म.प्र., 13 नवंबर 2024:
छिंदवाड़ा जिले में नाबालिगों के साथ किए गए जघन्य अपराधों के मामलों में कोर्ट ने सख्त निर्णय लेते हुए दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। थाना दमुआ के अंतर्गत एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी रामसिंह उर्फ पडोल को अपर सत्र न्यायाधीश श्री महेन्द्र मंगोडिया, जुन्नारदेव ने आजीवन कारावास (शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक) और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
घटना का संक्षिप्त विवरण:
दिनांक 20 फरवरी 2024 को थाना दमुआ में प्रार्थिया ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 4 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ गांव के पडोल मामा रामसिंह ने दुष्कर्म किया। बच्ची के शारीरिक चोट के संकेत देखे जाने पर मामले का खुलासा हुआ। मामले की विवेचना तत्कालीन उप निरीक्षक पूनम उईके द्वारा की गई और तत्परता से न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी साक्ष्य मजबूत रूप से प्रस्तुत किए गए।
न्यायालय का निर्णय:
थाना दमुआ के मामले में आरोपी को न्यायालय द्वारा कठोर सजा सुनाई गई। यह निर्णय जिले के अन्य थाना प्रभारियों के लिए एक सख्त संकेत है कि वे ऐसे जघन्य अपराधों में त्वरित कार्रवाई करें और आरोपियों को शीघ्र न्यायालय में प्रस्तुत करें।
सप्ताहभर में तीन जघन्य अपराधों में सजा:
इस सप्ताह, छिंदवाड़ा जिले में तीन जघन्य अपराधों में निर्णय दिए गए हैं, जिनमें नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, अपहरण और हत्या के मामलों में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। माहुलझिर के अप.क्र. 52/24 में आरोपी सुम्मीलाल उर्फ संजू और थाना जुन्नारदेव के अप.क्र. 120/24 में आरोपी सुखनंद उर्फ सोनू को भी क्रमशः 06 नवंबर और 07 नवंबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक श्री मनीष खत्री और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री ए.पी. सिंह ने सभी थाना प्रभारियों को न्यायालय के समंस/वारंट की त्वरित तामीली, साक्षियों की न्यायालय में उपस्थिति और मामलों की त्वरित विवेचना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

