निर्देशों के बावजूद दस्तावेज नहीं सौंपे गए, ग्रामीणों और पंचों ने जताई नाराजगी
गुढ़ी / जुन्नारदेव — ग्राम पंचायत पालाचौरई में पांचवें वित्त की राशि और अन्य मदों में अनियमितताओं के आरोपों पर जांच के लिए जनपद पंचायत की टीम शुक्रवार को पालाचौरई पहुंची। पंच और पेसा एक्ट के अध्यक्ष द्वारा कलेक्टर छिंदवाड़ा को भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी, जिसके आधार पर यह जांच की जा रही है।
जांच टीम में उपयंत्री संजू नागवंशी, उमाशंकर डेहरिया, और पंचायत इंस्पेक्टर डी.एस. भलावी शामिल थे। टीम को उम्मीद थी कि पहले दिए गए निर्देशों के तहत सचिव द्वारा सभी जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे। लेकिन सचिव द्वारा दिसंबर तक समय मिलने के बावजूद दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। दस्तावेजों की गैरमौजूदगी के कारण जांच प्रक्रिया अधूरी रह गई और टीम को तीसरी बार बैरंग लौटना पड़ा।
ग्रामीणों और पंचों का विरोध
ग्राम पंचायत के पंचों और ग्रामीणों ने दस्तावेजों की बार-बार अनुपलब्धता पर गहरा विरोध जताया। उनका कहना था कि जब तक सभी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाते, तब तक जांच निष्पक्ष और पूरी तरह संभव नहीं है। पंचों ने मांग की कि सभी दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद ही जांच की जाए।
जांच स्थल पर उपस्थिति
इस दौरान ग्राम पंचायत के सरपंच मुकेश उईके, सचिव चंद्रप्रकाश विश्वकर्मा, पूर्व सचिव राजेश सौरठ, और पंचों में मेहरबान कुमरे, कमलेश उईके, राजेश वर्मा, सुनील पवार, भोलाराम सोनारे सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहे।
जांच टीम का बयान
पंचायत इंस्पेक्टर डी.एस. भलावी ने कहा:
"हमारी जांच प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हालांकि, शिकायतकर्ता की ओर से अन्य दस्तावेजों की मांग की गई है। पंचायत की ओर से दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, जिससे पंचायत पर रिकवरी की संभावना बनती है। शिकायतकर्ता की असंतुष्टि को ध्यान में रखते हुए, 15 जनवरी के बाद जांच फिर से की जाएगी।"
ग्रामीणों की उम्मीदें
ग्रामीणों का कहना है कि वे चाहते हैं कि जांच निष्पक्ष और पूरी तरह से हो ताकि पंचायत के फंड का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। बार-बार दस्तावेजों की अनुपलब्धता ने संदेह को और बढ़ा दिया है।

