दमुआ। दिनांक 27 फरवरी 2025 को डायल 100 थाना दमुआ में सूचना प्राप्त हुई कि वार्ड नंबर 12 दमुआ में दो छोटी बच्चियां लावारिस घूम रही हैं। सूचना देने वाले राजा जी ने बताया कि ये बच्चियां अकेली और असहाय नजर आ रही हैं।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी निरीक्षक आशीष कुमार धुर्वे द्वारा तत्काल डायल 100 ड्यूटी पर तैनात आरक्षक 986 अनिल त्रिपाठी एवं पायलट मोहित बेलवंशी को मौके पर भेजा गया। पुलिस टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर बच्चियों से पूछताछ की गई, जिन्होंने अपना नाम नेहा और काजल बताया।
पिता द्वारा छोड़ दिया गया था लावारिस
जानकारी जुटाने पर पता चला कि दोनों बच्चियां ग्राम बोरदई, जिला बैतूल की रहने वाली हैं और वर्तमान में रैन बसेरा दमुआ में रह रही थीं। इनकी मां का निधन हो चुका है, वहीं इनके पिता कोमल उइके शराब के आदी हैं और नशे की लत के कारण बच्चियों की उचित देखभाल नहीं कर रहे थे। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि पिता ने बच्चियों को लावारिस छोड़ दिया था।
पुलिस ने किया सुरक्षित रेस्क्यू
बच्चियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस टीम द्वारा उन्हें थाना दमुआ लाया गया और सीएचसी दमुआ में उनका शारीरिक परीक्षण कराया गया। बच्चियों की स्थिति दयनीय थी—वे पुराने और फटे हुए कपड़े पहने थीं। पुलिस ने तत्काल उन्हें नए कपड़े उपलब्ध कराए और भोजन भी कराया।
बच्चियों के भविष्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थाना दमुआ पुलिस द्वारा उन्हें बाल कल्याण समिति, जिला छिंदवाड़ा के सुपुर्द कर दिया गया।
पुलिस टीम का सराहनीय कार्य
इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में निरीक्षक आशीष कुमार धुर्वे, प्रआर महेंद्र कुमार, महिला प्रआर कमला जाटव, आरक्षक अनिल त्रिपाठी और डायल 100 पायलट मोहित बेलवंशी का सराहनीय योगदान रहा।
दमुआ पुलिस की इस संवेदनशील कार्रवाई की स्थानीय नागरिकों ने सराहना की और बच्चियों को सुरक्षित संरक्षण मिलने पर राहत व्यक्त की।

