भोपाल। मध्य भारत में पहली बार "भोपाल मंथन 2025" के नाम से एक 22 दिवसीय वैचारिक महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। इस महाकुंभ का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, धर्म, परंपराओं और सभ्यता को आधुनिक संदर्भों में परखते हुए राष्ट्र निर्माण में इनके योगदान पर विमर्श करना है।
कुशाभाऊ ठाकरे फाउंडेशन की पहल पर आयोजन
कुशाभाऊ ठाकरे फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस महाकुंभ में देश-विदेश के विद्वान, चिंतक, साहित्यकार और विचारक विभिन्न विषयों पर मंथन करेंगे। इसमें भारतीय दर्शन, संस्कृति, शिक्षा, नीति, ज्ञान और विज्ञान जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। आयोजन में पं. विजय शंकर मेहता, पद्म विभूषण डॉ. रामभद्राचार्य, स्वामी अवधेशानंद गिरी, डॉ. राकेश सिन्हा जैसे प्रख्यात विद्वान शामिल होंगे।
समाज और शिक्षा पर विशेष सत्र
इस कार्यक्रम के अंतर्गत समाज, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण पर 5 प्रमुख विषयों पर विशेष चर्चा होगी। साथ ही भारतीय चिंतन और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए जाएंगे। इसके अलावा टेडेक्स वक्ता, तकनीकी विशेषज्ञ और शिक्षाविद भी अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
महाकुंभ का उद्देश्य और महत्व
भोपाल मंथन 2025 का उद्देश्य भारत के समृद्ध वैचारिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और समृद्ध करना है। यह महाकुंभ आधुनिक चुनौतियों के समाधान और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।
कार्यक्रम का आयोजन और समापन
यह आयोजन प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा, जिसमें विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित होंगे। महाकुंभ का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह के साथ होगा। कुशाभाऊ ठाकरे फाउंडेशन द्वारा इस आयोजन को राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में देखा जा रहा है।

